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________________ जाएगा। और यदि वह किसी कहानी पर काम करना आरंभ कर देता है तो उसको मेरी के किसी अनैतिक प्रेम संबंध को भी प्रस्तुत करना पड़ेगा, क्योंकि कोई कुंआरी स्त्री जन्म नहीं दे सकती। जीसस जोसफ के पुत्र नहीं थे, यह बात तो निश्चित है। लेकिन उनको किसी का पुत्र तो होना पड़ेगा। सरकार विरोध में है, चर्च विरोध में है। तुम यह सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हो कि जीसस अवैध संतान हैं! असंभव! फिल्म की अनुमति नहीं दी जा सकती है। और जीसस एक वेश्या मेरी मेग्दलीन साथ प्रेम करते हुए? – और निश्चित है कि वे प्रेम करते थे। वे एक प्रसन्न व्यक्ति थे। प्रसन्न व्यक्ति के चारों ओर बस प्रेम घटित हो जाता है। उन्होंने जीवन का मजा लिया। यह जीवन परमात्मा का दिया हुआ प्रसाद है, व्यक्ति को इसका मजा लेना चाहिए। प्रत्येक धार्मिक व्यक्ति उत्सव मनाने वाला व्यक्ति होता है। फिर उन्होंने इस व्यक्ति जीसस को मार डाला, उनको सूली पर चढ़ा दिया, और उसके बाद से वे उनकी पूजा करते चले आ रहे हैं। अब उनको व्यवस्थित किया जा सकता है; वे तुम्हारे भीतर काफी कुछ सहानुभूति उत्पन्न करते हैं। सूली पर लटके हुए जीसस बोधिवृक्ष के नीचे बैठे बुद्ध से कहीं अधिक आकर्षक हैं। सूली पर चढ़े हुए जीसस अपनी बांसुरी बजाते हुए कृष्ण से अधिक आकर्षक हैं। जीसस विश्वव्यापी धर्म बन गए। कृष्ण? उनकी चिंता कौन करता है? हिंदू तक उनके चारों ओर नृत्य करती हुई सोलह हजार नारियों के बारे में अपराध-बोध अनुभव करते हैं-असंभव, यह बस एक पौराणिक आख्यान है। हिंदू कहते हैं, यह एक सुंदर काव्य है; और वे इसकी व्याख्याएं किए चले जाते हैं। वे कहते हैं, ये सोलह हजार नारियां वास्तविक स्त्रियां नहीं थीं, ये सोलह हजार नाडिया, तंत्रिकाओं का जाल, मनुष्य के शरीर के भीतर की सोलह हजार तंत्रिकाएं हैं। यह मानव शरीर की प्रतीकात्मक व्याख्या है। कृष्ण आत्मा हैं और सोलह हजार तंत्रिकाएं आत्मा के चारों ओर नाचती हुई गोपियां हैं। फिर सभी कुछ ठीक है। लेकिन यदि वे असली स्त्रियां हैं, तब कठिन है यह मामला इसे स्वीकार करना बहुत कठिन है। - भारत के एक और धर्म जैनियों ने कृष्ण को इन सोलह हजार स्त्रियों के कारण नरक में डाल रखा है। जैन - पुराणों में वे कहते हैं, कृष्ण सातवें अंतिम नरक में हैं... और वे शीघ्र बाहर भी नहीं आने वाले हैं। वे उस समय तक वहां रहेंगे जब तक कि यह सारी सृष्टि नष्ट नहीं हो जाती है। वे उसी समय बाहर आएंगे जब अगली सृष्टि का आरंभ हो जाएगा; अभी लाखों वर्ष प्रतीक्षा करना होगी। उन्होंने बहुत बड़ा पाप किया है, और बहुत बड़ा पाप हैं क्योंकि वे उत्सव मना रहे थे पाप बड़ा है क्योंकि वे नृत्य कर रहे थे। महावीर अधिक स्वीकार योग्य हैं; बुद्ध अभी भी अधिक स्वीकार योग्य हैं। कृष्ण अपने धर्म को छोड़ देने वाले एक ऐसे व्यक्ति प्रतीत होते हैं जिन्होंने गंभीर लोगों का भरोसा तोड़ दिया है वे गैरगंभीर, प्रसन्न थे- न उदास न लंबा चेहरा हंसते हुए नृत्य करते हुए तुमसे कहना चाहूंगा, परमात्मा की ओर जाते हुए अपने रास्ते पर नृत्य - और सच्चा रास्ता यही है। मैं करते हुए जाओ, परमात्मा की
SR No.034099
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages471
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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