________________ जोडती चली जाती है। यह तुम्हारे लिए खजाने की तरह हो जाती है, किंतु तुम जैसे थे वैसे ही रहते हो। अनुभव तुमको रूपांतरित कर देता है। वास्तविक जान कोई संचय नहीं है, यह रूपांतरण है, एक उत्काति-पुराना मर जाता है और नये का जन्म होता है। कठिन है यह... आस्पेंस्की ने जितना संभव हो सकता था उतना भरपूर प्रयास किया कि कम से कम कुछ बातें तो खोज ले जिन्हें वह जानता है, क्योंकि कुछ भी न लिखना उसके अहंकार के नितांत विपरीत हुआ जा रहा था। वह यह भी न लिख सका कि मैं अपने आपको जानता हूं। यदि तुमने आधारभूत इकाई, अपने आप को भी नहीं जाना, तो और क्या तुम जानते हो? यह सर्दी की एक रात थी और उसको पसीना छूटने लगा। अभी बस एक क्षण पूर्व ही वह सर्दी से कांप रहा था। उसका सारा अस्तित्व दांव पर लगा हआ था। उसे चक्कर आने लगे, जैसे कि वह चक्कर खाकर गिरने वाला हो या उसे दौरा पड़ने वाला हो। घंटों बीत गए, तब गुरजिएफ ने द्वार खटखटाया और कहा 'क्या तुमने कुछ किया है?' और गुरजिएफ देख पाया कि यह आदमी बदल गया है। बस कोरे कागज का एक पन्ना हाथ में लिए वहां बैठा हुआ हा यह | हुआ है। यह बैठना एक श्रेष्ठ ध्यान झाझेन बन गया था। उसने रिक्त, कोरा कागज गुरजिएफ को दे दिया और कहा : मैं कुछ नहीं जानता हूं। मैं नितांत अज्ञानी हूं। मुझे अपने शिष्य के रूप में स्वीकार करें। गुरजिएफ ने कहा : फिर तो तुम मेरा शिष्य हो पाने के लिए तैयार हो.....यह जान लेना कि व्यक्ति अज्ञानी है बदधिमत्ता की ओर पहला कदम है। 'प्रभाव के कारण पर अवलंबित होने से, कारणों के मिटते ही प्रभाव तिरोहित हो जाते हैं।' पतंजलि कहते हैं कि तुम अनैतिक हो, किंतु यह एक प्रभाव है। तुम लोभी हो, किंतु यह एक प्रभाव है। तुमको क्रोध की अनुभूति होती है, यह एक प्रभाव है। कारण को खोज लो। प्रभावों से संघर्ष. मत करते रहो क्योंकि इससे कोई सहायता नहीं मिलने वाली है। तुम अपने लोभ से संघर्ष कर सकते हो और यह कहीं और से पुन: प्रकट हो जाएगा। तुम अपने क्रोध से संघर्ष कर सकते हो, यह दमित हो जाएगा और कहीं और से फूट पड़ेगा। प्रभावों से संघर्ष करके प्रभावों को विनष्ट नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि योग नैतिकता की कोई व्यवस्था नहीं है, यह जागरूकता की विधि है। असली कारण की खोज करनी पड़ती है। यदि तुम किसी वृक्ष की पत्तियां काटते और छांटते चले जाओ तो इससे वृक्ष पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने जा रहा है। नयी पत्तियां निकल आएंगी। तुमको वास्तविक कारण, जड़ को खोज निकालना पड़ेगा। यदि तुम वृक्ष को नष्ट करना चाहते हो तो तुमको जड़ों को नष्ट करना पड़ेगा। जड़ों के नष्ट होने के साथ वृक्ष मिट जाएगा। किंतु तुम शाखाओं को काटते रह सकते हो, इससे वृक्ष नष्ट नहीं होगा। वास्तव में होगा तो यह कि जहां पर तुम एक शाखा काटते हो वहां पर तीन शाखाएं निकल आती हैं। एक वृक्ष की पत्तियों को छांट दो और यह अधिक सघन और अधिक मोटा हो जाएगा। जड़ों को काट दो और वृक्ष मिट जाता है।