________________ दुकान का मालिक भी जरा हैरान हुआ और घबड़ाया, वह बोला, मुझको खेद है, किंतु क्या आपने पहले कभी यह शब्द प्रयोग होने नहीं सुना है? उस महिला ने कहा : मैने इसे प्रयोग किए जाते सुना है, लेकिन किसी प्यारे, प्यारे कुत्ते के लिए कभी नहीं। इसको सदैव स्त्रियों के लिए प्रयोग किया गया है। अभी उस दिन ही मैं 'बिचिंग' नाम की एक पुस्तक पढ़ रहा था, निःसंदेह इसे एक स्त्री ने ही लिखा है। कुछ ऐसा है जो बहुत, बहुत ही गलत हो गया है। यह एक स्त्री का प्रश्न नहीं है, यह स्त्रीपन है। लेकिन बकझक और कुतियापन और लगातार झगड़ते रहने से इसका समाधान नहीं हो सकता है। यह इसका हल नहीं है। समझ की आवश्यकता है। प्रश्न निश्चित रूप से सही है। माधुरी घड़ियाल जैसी है, और बोधि के साथ वह बकवास और झगडा खूब कर रही है। निःसंदेह बोधि इसके द्वारा विकसित हो रहा है। उसमें बहुत सारा परिवर्तन हो गया है। इसका सारा श्रेय माधुरी को जाता है। जब तुम्हें एक लगातार झगड़ने और बक-बक करने वाली स्त्री के साथ रहना पड़ता है तो यह निश्चित है कि या तो तुम पलायन कर जाते हो या तुम दार्शनिक बन जाते हो। केवल दो रास्ते ही उपलब्ध हैं. या तो तुम भाग जाओ या तुम यह सोचना आरंभ कर दो कि यह बस माया, स्वप्न, भ्रम है : यह माधुरी और कुछ नहीं बल्कि एक स्वप्न है...। तुम अनासक्त हो जाते हो। यह भी भागने का ही एक उपाय है। तुम शारीरिक रूप से वहां रहते हो लेकिन आत्मिक रूप से तुम बहुत दूर चले जाते हो। तुम एक दूरी निर्मित कर लेते हो। तुम उन आवाजों को सुनते हो जिन्हें माधुरी निकाल रही होती है, लेकिन ये किसी अन्य ग्रह की आवाजों की तरह प्रतीत होती हैं। उसे अपना काम करने दो; धीरे-धीरे तुम अनासक्त हो जाते हो, धीरे धीरे तुम उपेक्षा करने लगते हो। बोधि के लिए यह शुभ रहा है। अब माधुरी पूछ रही है : 'बोधि के लिए यह सुंदर है लेकिन कपटी घड़ियाल की चेतना के बारे में क्या ?' वही करो जो बोधि कर रहा है। वह क्या कर रहा है? वह और अधिक दर्शक बन रहा है। जो तुम कह रही हो और कर रही हो उससे वह अपमानित नहीं हो रहा है। यदि तुम उसको चोट भी पहुंचा रही हो, तो वह इसको देखेगा, जैसे कि कुछ स्वाभाविक घटित हो रहा हो : वृक्ष से पुरानी पत्तियां गिर रही हैं क्या है? एक कत्ता भौंक रहा है करना क्या है? रात है और अंधेरा है-करना क्या है? व्यक्ति स्वीकार कर लेता है, और इस स्वीकृति में जो कुछ भी घट रहा है व्यक्ति उसको देखता है। वही करो। जैसे कि बोधि तुमको देख रहा है, तुम भी अपने आप को देखो। क्योंकि वह घड़ियाल तुम्हारे अंतस का सत्व नहीं है। नहीं, यह किसी का आंतरिक सत्य नहीं है। यह घड़ियाल उन्हीं घावों से जन्मा है