________________
कठोरता से दंडित किया गया होता। उसको उम्र कैद की सजा दी गई होती या फिर उसको सरकार द्वारा, न्यायालय द्वारा, पुलिस द्वारा गोली मार दी गई होती। और किसी ने नहीं कहा होता कि सरकार गलत थी, क्योंकि बच्चे की हत्या पाप है। लेकिन क्या तुम परिणाम देखते हो? फिर एडोल्फ हिटलर ने लाखों लोगों की हत्या की। वह सारे संसार को करीब-करीब मौत के कगार पर ले आया था। पहले कभी कोई भी इतनी बड़ी आपदा सिद्ध नहीं हुआ था। उसके सामने सारे चंगीज खान और तैमूरलंग फीके पड़ जाते हैं। वह अभी तक का सबसे बड़ा हत्यारा था। लेकिन क्या कहा जाए? उसने अच्छा किया या बुरा इसका निर्णय करना अभी भी कठिन है, क्योंकि जीवन कभी पूर्ण नहीं होता, और जब तक यह पूर्ण न हो तुम मूल्यांकन किस भांति कर सकते हो? हो सकता है कि उसने जो कुछ भी किया वह अच्छा हो। हो सकता है कि उसने गलत लोगों को मार कर उनसे पृथ्वी को साफ कर दिया हो-कौन जाने? और कौन निर्णय कर सकता है? हो सकता है कि उसके बिना संसार उससे भी अधिक बुरा हो जाता, जितना यह इस समय है।
जिस किसी बात को भी हम अच्छा कहते हैं वह किसी विशेष प्रकार के सीमित मन के अनुसार अच्छी होती है। जिस किसी बात को हम बुरा कहते हैं वह भी किसी विशेष प्रकार के सीमित मन के अनुसार बुरी होती है।
ताओवादियो की एक कहानी है। एक व्यक्ति के पास एक बहुत ही सुंदर घोड़ा था, यह इतना बेशकीमती था कि सम्राट तक उसके प्रति शत्रुता और ईर्ष्या का भाव रखता था। अनेक बार उसके पास घोड़े के लिए अनेक प्रस्ताव आए, और वह जितने भी धन की अपेक्षा करता या चाहता लोग उतना देने को तैयार थे। लेकिन वह का व्यक्ति हंसता, वह कहता था, मैं घोड़े को प्रेम करता है और तुम अपने प्रेम को कैसे बेच सकते हो? इसलिए तुम्हारे प्रस्ताव के लिए धन्यवाद, लेकिन इसे मैं बेच नहीं सकता।
फिर एक दिन रात्रि में घोड़ा चुरा लिया गया या कुछ और हो गया। अगले दिन सुबह घोड़ा अस्तबल में नही था। सारा नगर एकत्रित हो गया और उन्होंने कहा, अब देखो, इस मूर्ख बुढ़े को! घोड़ा चला गया। और तुम उसे बेच कर काफी धनवान हो सकते थे। इस नगर में ऐसी मुसीबत कभी नहीं आई। और तुम निर्धन हो और वृद्ध हो। तुम्हें इसे बेच डालना चाहिए था, तुमने गलत किया।
वह का व्यक्ति हंसा, उसने कहा, मूल्यांकन करने के चक्कर में मत पड़ो, और अच्छा या बुरा होने के बारे में कुछ मत कहो, और आपदा या आशीष के बारे में बात मत करो। मैं केवल एक बात जानता हूं कि पिछली रात घोड़ा अस्तबल में था और इस सुबह वह वहां नहीं है, बस यही है पूरी बात। लेकिन मैं इसके बारे में और कुछ नहीं कहंगा। तथ्य के साथ रहो कि घोड़ा अस्तबल में नहीं है, बस बात समाप्त। इस घटना में किसी प्रकार का मन बीच में क्यों लाते हो कि यह अच्छा है या बुरा, कि ऐसा नहीं होना चाहिए, कि यह एक आपदा है, इसके बारे में सब कुछ भूल जाओ।