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लथपथ हो गई थीं, दोनों पैर कांप रहे थे, वह खून का रिसाव रोकने के लिए अपनी बांह कस कर पकड़े हुए था। वह घिसटता हुआ डेस्क तक पहुंचा और कराहते हुए कहा : डाक्टर, डाक्टर।
रिसेपानिस्ट ने पूछा : महोदय, क्या आपने पहले से ही मिलने का समय ले रखा है?
यह इस आश्रम में भी हो सकता है, यह शीला के डेस्क पर घट सकता है।
एक बार क्रमागत समय को बहुत गंभीरता से ले लिया जाए तो व्यक्ति बाकी सब कुछ भूल जाता है। सारा पश्चिम समय से बहत अधिक ग्रस्त है। प्रत्येक कार्य को ठीक समय से किया जाना है।
मेरे एक मित्र, अपने एक अंग्रेज मित्र के साथ, इंगलैंड की यात्रा पर थे, और वे मुझसे कहने लगे कि इंगलैंड में सब कुछ इतना औपचारिक हो गया है कि आप-चाय का समय, संध्या भोजन का समय, दोपहर के भोजन का समय जैसे शब्द सनते हैं, उनका अभिप्राय क्या है? समय से भोजन के समय का निर्धारण कैसे किया जा सकता है जब तक कि तुम्हें भूख महसूस न हो रही हो? जब तुम कहते हो : भोजन का समय, तो इसका अर्थ है : भूख का समय-अब भूखे हो जाओ! और यदि तुम भूखे न हुए, तो तुम्हारे साथ कुछ गड़बड़ है। चाय के समय का अर्थ है, अब चाय के लिए तैयार हो। यदि तुम्हारे भीतर इसकी चाहत नहीं है तो तुम्हारे साथ कछ गड़बड़ है; तुम्हें चाय पीना पड़ेगी। धीरे-धीरे लोग अपनी भूख, अपनी असली प्यास को भूल गए हैं। सब कुछ समय पर खाना-पीना है। घड़ी निर्णय करती है। घड़ी शासक बन चुकी है, वह शासन करती है। यह बहुत अवास्तविक संसार हैं-घड़ी दवारा शासित।
अब शिक्षाशास्त्री हैं, मनोवैज्ञानिक हैं, जो माताओं को बताए चले जाते हैं कि वे अपने शिशु को निश्चित समयों पर हर तीन घंटे बाद दूध दिया करें। बच्चा रो रहा है, बच्चा आ है; उसकी मां घड़ी की
ओर देखती है। अभी समय नहीं हुआ है। बच्चा भूखा है, यह कोई चिंता करने की बात नहीं है। घड़ी को देखा जाना चाहिए। क्योंकि जब बच्चा भूखा है, तो बच्चे का विश्वास नहीं किया जाता है, वरन डाक्टर का। अब यह कोई डाक्टर का काम नहीं है कि वह हस्तक्षेप करे। लेकिन एक बार तुम अवास्तविक से ग्रस्त हो जाओ, अनेक अवास्तविक चीजें तुम्हारे जीवन में आ जाती हैं।
मैंने सुना है, एक आयरिश व्यक्ति पैट सीडी से गिर गया और जमीन पर बेहोश पड़ा था। उसके गये ओर भीड़ एकत्रित हो गई और एक डाक्टर को बुलाया गया, डाक्टर ने तुरंत कह दिया कि यह श्वास मर गया है। पैट ने अपनी आंखें खोली और इस आरोप का तत्परता से विरोध किया।'शसs
पैट, 'बगल में खड़े एक व्यक्ति ने उसे टोका, 'कुछ भी बोलो मत, निश्चित रूप से डाक्टर तुमसे बेहतर जानता है।'
यदि तुम जीवित हो और डाक्टर कहे कि तुम मर चुके हो, तो तुमको मुर्दा व्यक्ति की भांति व्यवहार करना पड़ेगा क्योंकि निसंदेह विशेषज्ञ जानता है और वह सबसे बढ़िया जानता है।