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प्रवचन 80 - जाना कहां है
प्रश्न-सारः
1. मैं स्वयं को खोया-खोया महसूस करता हूं। पुराने जीवन में वापस लौटने
के लिए कोई मार्ग नहीं बचा है और आगे भी कोई मार्ग दिखाई नहीं पड़ रहा है।
2. पतंजलि ने यह सब क्यों लिखा और आपने योग-सूत्र पर बोलना क्यों चुना,
जबकि दोनों में से कोई भी हमें साधना की मूलभूत कुंजियां देने को तैयार नहीं हैं?
3. कई वर्षों से मैं साक्षी- भाव में जी रहा हूं। पर वह मुझे रोग जैसा क्यों लगता है?
4. आपके साथ मेरा अंतरंग संबंध है, फिर भी मुझे कुछ घट क्यों नहीं रहा है?
5. आपके वक्तव्य में यह विरोधाभास क्यों है?
6. मेरा मन पुराने से कैसे नाता तोड़े, ताकि नये के साथ सके?
7. अगर किसी ने लोओत्सु से संन्यास लेने के लिए पूछा होता तो उनका उत्तर होता.....
8. मेरा आपके साथ ठीक-ठीक संबंध क्या है?
9.क्या मैं ठीक मार्ग पर हूं?