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यह मत सोचना कि तुम कामवासना को उसकी समग्रता में जानते हो। तुम कामवासना के बारे में अ बस भी नहीं जानते हो।
मैंने सुना है:
एक आदमी अपने बेटे को लेकर एक स्कूल में गया और वहां जाकर उसने अध्यापक से कहा कि मेरा बेटा पक्षियों और मधुमक्खियों के बारे में पूरी जानकारी पाना चाहता है।
अध्यापक ने पूछा, 'क्या आपने अपने बेटे को काम शिक्षण के बारे में कुछ बताया है।'
पिता ने उत्तर दिया, 'ओह नहीं! मेरा बेटा तो काम विषयक सभी बातें जानता है। वह तो पक्षियों और कीट पतंगों के विषय में जानना चाहता है। '
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लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि काम संबंधी सभी बातें हम अभी नहीं जानते हैं। जब तक कोई व्यक्ति परमात्मा को न जान ले, तब तक कामवासना के संबंध में कुछ भी नहीं जान सकता है। क्योंकि क - ऊर्जा ही रूपांतरित होकर परमात्मा बन जाती है। - काम-ऊर्जा की चरम परिणति परमात्मा है। जब तक हम यह नहीं जानते हैं कि हम कौन हैं, हम नहीं जान सकेंगे कि अपनी समग्रता में कि कामवासना वस्तुत: क्या होती है। हम कामवासना को पूरी तरह नहीं समझते हैं। हमें कामवासना का केवल आशिक रूप ही मालूम है, सूर्य अंश का ही पता है चंद्र- अंश का अभी कुछ भी पता नहीं है। स्त्री ऊर्जा का मनोविज्ञान अभी विकसित होना है। फ्रायड और जुंग और एडलर और दूसरे कई मनस्विद – जो भी प्रयोग करते रहे हैं, वे पुरुष - केंद्रित हैं। स्त्री पर अभी भी इस बारे में काम नहीं हुआ है, स्त्री अभी भी इस क्षेत्र में अन-अन्वेषित है। चंद्र केंद्र अभी भी जाना नहीं गया है, अभी उसे जाना शेष है।
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कुछ लोगों को चंद्र केंद्र की थोड़ी झलकियां मिली हैं। उदाहरणार्थ का को कुछ झलकियां मिली हैं। फ्रायड तो पूरी तरह सूर्य-केंद्रित, पुरुष केंद्रित ही रहा। जुंग थोड़ा सा चंद्र-केंद्र, स्त्रैण भाव की ओर गया। निस्संदेह, बहुत ही झिझक के साथ, क्योंकि मन का पूरा प्रशिक्षण वैज्ञानिक है और चंद्र की ओर बढ़ना एक ऐसे जगत की ओर बढ़ना है जो विज्ञान से पूर्णतया भिन्न है। चंद्र- केंद्र की ओर बढ़ना कल्पित जगत में जाना है। वह काव्य के 'कल्पना के जगत में जाना है। अतर्क के, असंगति के जगत में जाना है।
इस संबंध में मुझे तुम से कुछ बातें कहनी हैं।
फ्रायड सूर्य—केंद्रित था; जुंग का थोड़ा सा झुकाव चंद्र- केंद्र की ओर था । इसीलिए फ्रायड अपने शिष्य जुंग के प्रति बहुत नाराज था और फ्रायडवादी सभी लोग जुंग से बहुत चिढ़े हुए हैं, उन्हें ऐसा लगता है कि उसने अपने गुरु को धोखा दिया।