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फिर इनकम टैक्स आफिस में भी खबर करने के लिए क्यों जाना? लेकिन मन का एक हिस्सा कहता है कि पत्नी खो गयी है, तो पति को कुछ तो करना ही चाहिए; कुछ न कुछ तो करना चाहिए। और मन का दूसरा हिस्सा प्रसन्नता अनुभव करता है और कहता है, ' अच्छा हुआ कि पत्नी खो गयी। पुलिस-स्टेशन मत जाओ, कौन जाने, वे फिर से पत्नी को खोज लें।'
जीवन इसी तरह चलता जाता है -आधा-आधा, और फिर तुम अपने ही मन के कारण खंड -खंड हो जाते हो। एक पति की, एक इज्जतदार पति की अगर पत्नी खो जाए, तो कुछ तो करना ही होता है, और उसके भीतर का आदमी जो कि पत्नी से मुक्ति चाहता है, वह कुछ और ही करना चाहता है। वह भीतर ही भीतर प्रसन्न होता है कि चलो अच्छा हुआ पत्नी चली गयी। पति ऊपर से तो दुखी दिखाई देता है, या दुखी होने का दिखावा करता है -ऊपर से तो अपने को दुखी दिखाता है और डरता भी है कि कहीं लोगों को पता न चल जाए कि वह भीतर से खूब प्रसन्न है। और ऐसा ठीक नहीं है, क्योंकि अगर लोगों को यह मालूम हो गया कि पति प्रसन्न है, तो यह तो अहंकार के सम्मान को तोड़ देने वाली बात होगी।
तो पति को दिखाने के लिए कुछ न कुछ करना पड़ता है। वह पुलिस स्टेशन नहीं जाना चाहता है, तो वह किसी दूसरी जगह चला जाता है, इनकम टैक्स आफिस चला जाता है।
अपने जीवन का निरीक्षण करो। और अपने जीवन को इस तरह से व्यर्थ ही नष्ट मत कर देना। जीवन में निर्णय लेना अनिवार्य है। हर क्षण, हर पल जीवन में व्यक्ति को निर्णय लेना ही पड़ता है। जो क्षण बिना निर्णय के खो जाता है, तुम्हारे भीतर एक खंडित स्थिति का निर्माण कर देता है, तुमको भीतर से तोड़ देता है। अगर हर क्षण तुम्हारे स्वयं के निर्णय से आता हो तो धीरे – धीरे तुम एक हो जाते हो, अखंड हो जाते हो, तुम बंटे -बंटे नहीं रहते। फिर एक घड़ी ऐसी आती है जब तुम पूर्ण हो जाते हो। निर्णय लेना कोई खास बात नहीं है बात है तुम्हारी दृढ़ता की। और निर्णय लेने की क्षमता के माध्यम से तुम दृढ़ और संकल्पवान हो जाते हो।
एक बार ऐसा हुआ:
एक युवा स्त्री घबराई हई दांत के डाक्टर के पास गई और उसके वेटिंग रूम में जाकर बैठ गई। उसके साथ एक तीन महीने का बच्चा भी था, उस बच्चे को सम्हालने के लिए उसकी बहन उसके साथ थी। जल्दी ही उसका नंबर आ गया।
जैसे ही वह कुर्सी पर बैठी, उसने घबराकर डाक्टर से कहा, 'मुझे नहीं मालूम कि ज्यादा मुसीबत की बात कौन सी है-दांत निकलवाना या बच्चा पैदा करना।"
दांत के डाक्टर ने कहा, 'ठीक है, कृपया जल्दी से अपना निर्णय ले लें। मेरे यहां और भी बहत से लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं।'