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वर्तमान में जीओ। बिना तैयारी के जीओ। वर्तमान की सजगता से जीओ; अतीत से मत जीओ। तब तुम मूड नहीं हो।।
अब तुम समझ सकते हो कि मैं क्यों कहता हूं कि मन मूढ़ है : क्योंकि मन केवल अतीत है। मन है संचित अतीत। जीवन तो निरंतर बदल रहा है। मन नहीं बदलता-वह मृत स्मृतियों से, मृत जानकारियों से दबा रहता है। संदर्भ हर घड़ी बदल रहा है, प्रश्न हर घड़ी बदल रहा है, सम्राट हर घड़ी बदल रहा है और तुम बंधे-बंधाए उत्तर लिए बैठे हो। तुम हमेशा मुश्किल में पड़ोगे; मूढ़ मन हमेशा मुश्किल में पड़ता है, परेशान होता है। और किसी कारण से नहीं, केवल इसी कारण से कि वह बहत ज्यादा तैयार होता है, बहुत निश्चित होता है।
प्रत्येक क्षण बिना किसी तैयारी के रहो। तब तुम निर्दोष होते हो, तब तुम निर्भार होते हो। जब भी तुम्हारे पास पहले से तैयार उत्तर होता है तो तुम प्रश्न को ठीक-ठीक सुनते ही नहीं। इससे पहले कि तुम प्रश्न सुनो, उत्तर पहले से ही मन में तैयार होता है; तो उत्तर तुम्हारे और प्रश्न के बीच खड़ा हो जाता है। इससे पहले कि तुम परिस्थिति को भलीभांति समझ पाते, तुम प्रतिक्रिया करने लगते हो।
मन है अतीत, मन है स्मृति-इसीलिए मन मूढ़ है-सभी मन। तुम गांव के ग्रामीण हो सकते हो, शायद संसार के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते। तुम पूना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हो सकते हो, बहुत ज्यादा जानते हो। उससे कुछ अंतर नहीं पड़ता। असल में कई बार ऐसा होता है कि ग्रामीण ज्यादा बुद्धिमान होते हैं, क्योंकि वे कुछ नहीं जानते। उन्हें निर्भर रहना पड़ता है बुद्धिमत्ता पर। वे अपनी जानकारी पर निर्भर नहीं रह सकते; उनके पास कोई जानकारी होती ही नहीं। यदि तुम सजग हो, तो तुम देख सकते हो ग्रामीण के भोले - भालेपन को। वह बच्चों जैसा होता है।
बच्चे ज्यादा बुद्धिमान होते हैं बडों की अपेक्षा, बच्चे ज्यादा बुद्धिमान होते हैं बूढ़ों की अपेक्षा। इसीलिए तो बच्चे इतनी सरलता से सब कुछ सीख सकते हैं। वे ज्यादा बुद्धिमान होते हैं। अभी मन मौजूद नहीं होता। वे मनविहीन होते हैं। वे अतीत को नहीं ढोते, उनके पास वह होता ही नहीं। ने सीधे -सीधे देखते हैं, विस्मय-विमुग्ध होते हैं हर चीज के प्रति। वे सदा देखते हैं परिस्थिति को। असल में उनके पास कुछ और होता नहीं देखने के लिए कोई रेडीमेड तैयार उत्तर नहीं होते। कई बार बच्चे इतने सुंदर और जीवंत ढंग से उत्तर देते हैं कि उस ढंग से ज्यादा उम्र के व्यक्ति नहीं दे सकते। ज्यादा उम्र वालों के पास हमेशा मन मौजूद होता है उत्तर देने के लिए। उनके पास एक नौकर है, एक यंत्र है, एक बायो-कंप्यूटर है, और वे उस पर निर्भर रहते हैं। जितनी ज्यादा तुम्हारी उम्र होती जाती है, उतने ज्यादा तुम मूढ़ होते जाते हो!
निश्चित ही, के यही सोचते हैं कि वे बहुत बुद्धिमान हो गए हैं, क्योंकि उन्हें बहुत से उत्तर पता हैं। लेकिन यदि यही बुद्धिमत्ता है तो फिर कंप्यूटर तो सर्वाधिक बुद्धिमान व्यक्ति होंगे! तब तुम्हें कोई जरूरत नहीं बुद्ध और जीसस और जरथुस्त्र के विषय में सोचने की, बिलकुल भी नहीं। कंप्यूटर