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________________ " 'तो याद रखना। बहुत ज्यादा चकित मत हो जाना चकाचौंध से सम्राट से और राज दरबारियों से। जब सम्राट पूछे कि तुम्हारी उम्र क्या है, कह देना सत्तर साल-न एक शब्द ज्यादा कहना न एक शब्द कम, वरना तुम मुश्किल में पड़ सकते हो। फिर वे पूछेंगे कि तुम कितने समय से गांव की मस्जिद में काम कर रहे हो? तुम कितने समय से मौलवी हो यहां? तो ठीक-ठीक बता देना। कितने दिनों से काम कर रहे हो तुम?' उसने कहा, 'तीस साल से ।' बस ऐसे ही प्रश्न। फिर सम्राट आया। जिन लोगों ने नसरुद्दीन को तैयार किया था उन्होंने ही सम्राट को भी तैयार किया था, सम्राट से कहा था, 'इस गांव के लोग बड़े सीधे सादे हैं और उनका नेता मूढ मालूम पड़ता है, तो कृपया और कुछ न पूछें ये रहे प्रश्न...।' कुछ - लेकिन सम्राट भूल गया तो तुम कितने साल के हो?' पूछने से पहले उसने पूछ लिया, कितने साल से तुम यहां मौलवी हो?" अब नसरुद्दीन के पास तो तय उत्तर थे। उसने कहा, 'सत्तर साल ।' सम्राट थोड़ा उलझन में दिखाई पड़ा क्योंकि यह आदमी सत्तर साल से ज्यादा का लगता नहीं, तो क्या यह जन्म से ही मौलवी है! फिर उसने कहा, ' आश्चर्य है मुझे। तो फिर तुम्हारी उम्र क्या है?' नसरुद्दीन ने कहा, तीस साल' क्योंकि यही तय हुआ था कि पहले उसे कहना है, 'सत्तर साल, फिर उसे कहना है, 'तीस साल ।' सम्राट ने कहा, 'क्या तुम पागल हो ?' नसरुद्दीन ने कहा, 'महाराज, हम दोनों पागल हैं-अपने-अपने ढंग से आप गलत प्रश्न पूछ रहे हैंऔर मुझे ठीक उत्तर देने हैं। यही है समस्या । मैं बदल नहीं सकता, क्योंकि वे लोग यहां मौजूद हैं, जिन्होंने मुझे तैयार किया है वे मेरी ओर देख रहे हैं में बदल नहीं सकता, और आप गलत प्रश्न पूछ रहे हैं। हम दोनों अपने-अपने ढंग से पागल हैं। मैं विवश हूं ठीक उत्तर देने के लिए यह मेरा पागलपन है। यदि पहले से ही उत्तर तैयार न होते तो मैंने ठीक उत्तर दिए होते आपको, लेकिन अब मुश्किल है और आप गलत प्रश्न पूछ रहे हैं, गलत क्रम में पूछ रहे हैं!' मुल्ला नसरुद्दीन तुम्हारा हिस्सा है। ऐसा होता है मूढ मन के साथ निरंतर अपने पर ध्यान देना जब भी तुम किसी प्रश्न का रेडीमेड उत्तर देते हो, तो तुम फु ढंग से व्यवहार कर रहे हो। स्थिति भिन्न हो सकती है, प्रसंग भी अलग हो सकता है, संदर्भ नया हो सकता है, और तुम अतीत से ही काम कर रहे हो।
SR No.034097
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages431
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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