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सदियों सदियों से मनुष्य सोचता रहा है कि खून शरीर में ऐसे भरा हुआ है जैसे किसी बर्तन में पानी भरा होता है। अभी केवल तीन सौ साल पहले हमें पता चला कि खून शरीर में भरा हुआ नहीं है, वह कोई स्थिर चीज नहीं है - खून दौड़ता रहता है, घूमता रहता है। अभी केवल तीन सौ साल पहले हमें पता चला कि खून दौड़ता रहता है, वह एक सक्रिय शक्ति है। वह शरीर में भरा हुआ नहीं है, बल्कि वह सतत प्रवाहमान है - इतने चुपचाप और इतने निरंतर रूप से, और गति इतनी शांत है, कोई शोर नही कि हम लाखों जन्म जीए हैं शरीरों के साथ और फिर भी हम रक्त की इस खूबी के प्रति सजग
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नहीं हु कि वह दौड़ता रहता है।
और बहुत से रहस्य हैं जो छिपे हुए हैं। यह शरीर तो पहली पर्त है और बहुत से शरीरों की कुल सात शरीर हैं। यदि तुम इसी शरीर में गहरे उतरो तो तुम्हें पता चलेगा एक नई घटना का। इस स्थूल शरीर के पीछे एक सूक्ष्म शरीर छिपा है। जब वह सूक्ष्म शरीर जाग्रत हो जाता है, तो तुम बहुत शक्तिशाली हो जाते हो, क्योंकि एक नए आयाम की शक्तियां जाग जाती हैं। यह शरीर सोया रह सकता है तुम्हारे बिस्तर पर और तुम्हारा सूक्ष्म शरीर विचरण कर सकता है। उसके लिए कोई बाधा नहीं है। पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण उसे प्रभावित नहीं करता है, उसके लिए समय और स्थान की कोई बाधा नहीं है। वह विचरण कर सकता है, वह कहीं भी जा सकता है। उसके लिए सारा संसार उपलब्ध होता है। स्थूल शरीर के लिए यह बात संभव नहीं है।
तुम्हारे कुछ सपनों में तो सूक्ष्म शरीर सचमुच ही भौतिक शरीर को छोड़ कर चला जाता है। ध्यान की गहरी अवस्थाओं में भी तुम्हारा सूक्ष्म शरीर तुम्हारे भौतिक शरीर को छोड़ देता है। गहरे
ध्यान में, कई बार तुम्हें ऐसा लगता है जैसे तुम कुछ इंच, कुछ फीट ऊपर उठ गए हो जमीन से। जब तुम आंखें खोलते हो, तो तुम जमीन पर ही बैठे होते हो। तुम सोचते हो कि तुमने कल्पना की होगी । यह सही नहीं है। गहरे ध्यान में, सूक्ष्म शरीर स्थूल शरीर से कुछ ऊपर उठ सकता है। कई बार ऐसा भी होता है कि स्थूल शरीर भी सूक्ष्म शरीर के साथ ऊपर उठ जाता है।
यूरोप में एक स्त्री है; उसकी जांच की गई है वैज्ञानिक विधियों द्वारा गहरे ध्यान में वह जमीन से चार फीट ऊपर उठ जाती है; सूक्ष्म शरीर ही नहीं, बल्कि स्थूल शरीर भी ऊपर उठ जाता है। इसे तथ्य के रूप में स्वीकार किया गया है। प्राचीन योग- शास्त्रों में उल्लेख है कि गहरे ध्यान में ऐसा होता है कि सूक्ष्म शरीर के साथ स्थूल शरीर ऊपर उठ सकता है जमीन से ऊपर और ठीक यही उल्लेख है कि बहुत आसानी से शरीर चार फीट ऊपर उठ सकता है।
और स्थूल शरीर तो केवल परिधि है, दूसरे शरीरों की एक ऊपरी पर्त फिर सूक्ष्म शरीर के पीछे औरऔर सूक्ष्म शरीर हैं-कुल सात शरीर हैं वे सातो संबंधित हैं व्यक्ति की सत्ता के सात विभिन्न तलों से। जितने ज्यादा तुम अपने अंतस में प्रवेश करते हो उतने ज्यादा तुम सजग होते हो कि यह स्थूल