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ऐसा कैसे होता है कि चोग्याम बुंगपा जैसे महान गुरु त्यौहारों के अवसर पर शराब में इतने धुत हो जाते हैं कि उन्हें उठा कर घर लाना पड़ता है? क्या मनोरंजन के लिए किया गया शराब का प्रयोग खोजियों की सजगता को डांवाडोल कर सकता है?
तुम
से कहा किसने कि यह आदमी गुरु है? वह उस परंपरा से संबंधित है जिसमें बहुत गुरु हुए हैं,
और यही मुसीबत है, क्योंकि जिस परंपरा से वह संबंधित है उसमें व्यक्ति हुए हैं, बड़े पहुंचे हुए सिद्ध हुए हैं, और वे सभी शराब लेकिन वे कभी भी शराब में धुत नहीं हुए। वे पीते थे, लेकिन वे
पीते थे अब यह एक बारीक बात है
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कभी पीकर बेहोश नहीं हुए।
लेकिन वह मृत बोझ ही ढो रहा है। मारपा, मिलारेपा नरोपा, तिलोपा जैसे
यह तंत्र की साधनाओं में से एक साधना है, एक विधि है. तुम्हें शराब की मात्रा को बढ़ाते जाना है और उसका अभ्यास करना है, लेकिन होश बनाए रखना है। पहले तुम केवल चम्मच भर लेते हो और होशपूर्ण रहते हो; फिर दो चम्मच, फिर तीन चम्मच, फिर तुम बढ़ाते जाते हो। फिर तुम पूरी बोतल पी जाते हो। लेकिन अब तुम्हारा इतना अभ्यास हो जाता है कि तुम्हारा होश नहीं खोता । तब शराब से काम नहीं चलेगा; तब तुम ज्यादा खतरनाक नशों की ओर बढ़ते हो।
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तंत्र की परंपरा में एक ऐसा समय आता था जब जहरीले सांपों का उपयोग किया जाता था, क्योंकि व्यक्ति इतना आदी हो जाता था सभी तरह के मादक द्रव्यों का। तब अंतिम परीक्षा होती थी कोबरा सांप की । तब कोबरा सांप से उस आदमी की जीभ पर कटवाया जाता था। फिर भी वह साधक होश में रहता था।
यह एक गढ़ परीक्षा थी और एक विकास था. अब तुमने चेतना की ऐसी संगठित अवस्था पा ली है कि सारा शरीर भर जाता है शराब से, लेकिन वह तुम्हें प्रभावित नहीं करती। यह शरीर से पार जाने का एक सूत्र था तंत्र में यह है शरीर से पार जाने की एक विधि-तंत्र के लिए।
यह व्यक्ति उस परंपरा से आता है, इसलिए शराब पीने की उसे स्वीकृति है परंपरा से, लेकिन यदि वह होश खो देता है तो वह पूरी बात ही चूक जाता है। वह गुरु नहीं है; वह जागा हुआ नहीं है। लेकिन अमरीका में अब हर चीज संभव है। पुरानी परंपरा को न जानने से वह कह सकता है लोगों से, हमारे गुरु भी पीते रहे हैं।'
तंत्र में उन सभी चीजों का स्वीकार है जिनका सामान्यतः निषेध होता है। तांत्रिक को अनुमति है खाने की, साधारणतया यह निषिद्ध है; उसे अनुमति है शराब पीने की साधारणतया यह निषिद्ध है; उसे अनुमति है संभोग में उतरने की साधारणतया साधक के लिए इसकी मनाही है। हर वह चीज जो
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