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ज्यादा लोग निर्वाण को उपलब्ध होते हैं पतंजलि के द्वारा। महावीर के द्वारा, विरले ही, बहुत थोड़े से, सारा दृष्टिकोण असंभव जानू पड़ता है। इसलिए पतंजलि की सुनना ठीक से। न ही केवल सुनना, बल्कि कोशिश करना सार तत्व को आत्मसात करने की। बहुत कुछ संभव है उनके द्वारा। वे इस पृथ्वी पर हुए अंतर्यात्रा के महानतम वैज्ञानिकों में से एक हैं।
आज इतना ही।
प्रवचन 38 - बुद्धों का मनोविज्ञान का निर्माण
प्रश्नसार:
1-बुद्धो का मनोविज्ञान बनाने के लिए बुधो का अध्ययन करना होगा। तो बुदध मिलेंगे कहा?
2-बधों का मनोविज्ञान क्या है? वह अब तक निर्मित क्यों नहीं हो सका?
3-आपके पास आ कर मैं खुश और शांत हो गया हूं। क्या मेरे लिए, ध्यान जरूरी है?
4-गर्भकालीन दशा और फिर गर्भ से बाहर आने का अनुभव सुखद है या दुखद?
5-साधक-समूह या सदगुरू की क्यों जरूरत है? क्या अकेले ध्यान करना पर्याप्त नहीं है?
6-प्रतिप्रसव और अनसीखा करना क्या एक ही विधि है?
7-अच्छा-बुर-सब स्वप्नवत है, तो कर्म का सिद्धांत कैसे अस्तित्व रख सकता है?