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हो।' जीवन को स्थगित करना एकमात्र पाप है जिसे कि मैं पाप कह सकता हूं। स्थगित मत करो। यदि तुम जीना चाहते हो, तो अभी और यहीं जीयो। भूल जाओ अतीत को; भूल जाओ भविष्य को. यह एकमात्र क्षण है, यही है एकमात्र अस्तित्वमय क्षण-जीयो इसे। एक बार खोया तो यह दुबारा नहीं पाया जा सकता, तुम फिर इसे नहीं मांग सकते।
यदि तुम वर्तमान में जीने लगो, तो तुम भविष्य की नहीं सोचोगे और तुम जीवन से नहीं चिपकोगे। जब तुम जीते हो तो तुमने जान लिया होता है जीवन को, तुम संतुष्ट होते, परितृप्त होते। तुम्हारी पूरी अंतस सता धन्यभागी अनुभव करती है। किसी और पूर्ति की कोई जरूरत नहीं रहती। मृत्यु को सौ वर्ष
बाद आने की जरूरत नहीं रहती। और तुम्हें कंपते हुए और रोते हुए और चीखते हुए देखने की कोई जरूरत नहीं रहती। यदि मृत्यु बिलकुल अभी भी आ जाए तो तुम तैयार होओगे तुम जी लिए, तुम आनंदित हुए, तुमने उत्सव मना लिया। सचमुच जीवंत होने का एक क्षण पर्याप्त है, और झूठी जिंदगी के एक हजार साल पर्याप्त नहीं हैं। जो न जीयी गई हो उसके हजार या लाख वर्ष किसी काम के नहीं होते हैं; और मैं कहता हूं तुमसे, जीए हुए अनुभव का एक क्षण स्वयं शाश्वतता है। वह समय के पार होता है, तुम जीवन की आत्मा को ही छू लेते हो और फिर कहीं कोई मृत्यु नहीं होती, कोई चिंता नहीं, कोई चिपकाव नहीं। तुम किसी क्षण जीवन त्याग सकते हो और तुम जानते हो कि कुछ बचा नहीं है। तुम इससे संपूर्णतया अंतिम कोर तक आनंदित हुए। तुम इससे लबालब भरे हो, तुम तैयार
हए।
जो आदमी गहरी उत्सवमयी भावदशा में मरने को तैयार हो, वह वही आदमी होता है जो कि सचमुच ही जीया होता है। जीवन से चिपकना दर्शाता है कि तुम जी नहीं पाए हो। मृत्यु का आलिंगन जीवन के ही एक अंश की तरह करना दर्शाता है कि तुम ठीक से जीए हो। तुम संतुष्ट हो। अब पतंजलि के सूत्र को सुनो। यह सर्वाधिक गहन और बहुत ज्यादा अर्थवान है तुम्हारे लिए।
जीवन में से गुजरते हुए मृत्यु-भय है जीवन से चिपकाव है और यह बात सभी में प्रबल हैविद्वानों में भी।
वह जीवन के भीतर ही गतिमान हो रहा है। यदि तुम अपने मन पर ध्यान दो, यदि तुम स्वयं का निरीक्षण करो, तो तुम पाओगे कि चाहे सजग हो या नहीं, मृत्यु का भय निरंतर वहां मौजूद रहता है। जो कुछ भी करो तुम, मृत्यु- भय वहा होता है। कैसा भी आनंद मनाओ, बस कहीं कोने में ही मृत्यु की छाया सदा होती है। वहां डटी रहती है। वह तुम्हारा पीछा करती है। जहां कहीं, तुम उसके साथ ही