________________
2 - क्या समाधि की सभी अवस्थाओं से गुजरना जरूरी है?
क्या गुरु का सान्निध्य सीधे छलांग लगाने में सहायक हो सकता है?
3- पतंजलि की तरह ही क्या आप स्वयं भी कविता, रहस्यवाद और तर्क के श्रेष्ठ जोड़ हैं?
4- प्रार्थना तक पहुंचने के लिए प्रेम से गुजरना क्या जरूरी है?
5- पतंजलि आधुनिक मनुष्य की न्यूरोसिस (विक्षिप्तता) के साथ कैसे कार्य करेंगे?
6- आपके प्रवचनों में नींद की झपकी आने का क्या कारण है?
7- पतंजलि की विधियां इतनी धीमी और लंबी है, फिर भी आप इन पर भागते हुए आधुनिक मनुष्य के लिए, क्यों बोल रहे है।
पहला प्रश्न :
जब आप पतंजलि पर बोलते हैं तो मैं अनुभव करता हूं कि वही है मेरा मार्ग जब आप झेन पर बोलते हैं तब मेरे लिए झेन होता है मार्ग जब आप बोलते हैं तंत्र पर तब तंत्र हो जाता है मेरा मार्ग । तो कैसे पता चले मुझे कि मेरे लिए कौन-सा मार्ग है?
बहुत सीधी-साफ बात है-यानि जब मैं पतंजलि पर बोलता हूं तुम अनुभव करते हो कि पतंजलि तुम्हारे मार्ग हैं। और जब मैं बोलता हूं झेन पर तुम अनुभव करते हो झेन है तुम्हारा मार्ग और जब