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'मृतवत लोगों को ही संस्कार करने दो उनके मृतक का। तुम चिंता में मत पड़ो। तुम मेरे पीछे चले आओ।'क्या कहते हैं जीसस? वे कह रहे हैं कि सारा शहर मुरदा है, तो उन्हें ही ध्यान रखने दो-मुरदों को ही अंतिम-क्रिया करने दो मुरदे की। तुम मेरे पीछे चले आओ।
यदि तुम अतीत में जीते हो तो तुम मुरदा होते हो। तुम कोई जीवंत शक्ति नहीं होते। और केवल एक ही तरीका है जीवंत होने का, और वह है अतीत के प्रति मरना, मृत के प्रति मरना। और ऐसा अंतिम रूप से नहीं घटने वाला। एक बार तुम रहस्य जान लेते हो, तो हर क्षण तुम्हें अतीत के प्रति मरना होता है, जिससे कि तुम पर कोई धूल न जमे। तब मृत्यु बन जाती है एक सतत पुनर्जीवन, एक सतत पुनर्जन्म।
हमेशा ध्यान रखना-अतीत के प्रति मरना। जो कुछ भी गुजर गया, वह गुजर गया है। वह अब नहीं रहा वह कहीं नहीं रहा। वह केवल तुम्हारी स्मृति से चिपका हुआ है। वह केवल तुम्हारे मन में है। मन जमा रखने वाला है उस सबको जो मृत है। इसीलिए मन जीवन के प्रवाहित होने में एकमात्र बाधा है। मृत ढांचे इकट्ठे होते रहते है प्रवाह के चारों ओर; वह बन जाती है जमी हुई बाधा।
___ मैं यहां जो कुछ कर रहा हूं वह इतना ही, कि तुम्हें मरने की कला सिखा रहा हूं। क्योंकि वह पुनर्जन्म का पहला पहलू है। मृत्यु सुंदर है क्योंकि जीवन उसमें से आता है-ओस कणों की भांति, एकदम ताजा। इसलिए अव्यवस्था का उपयोग हो रहा है,और तुम इसका अनुभव मेरे आसपास करोगे। और ऐसा हमेशा ही रहेगा क्योंकि कहीं न कहीं मैं किसी को मिटा रहा होता हूं। हजारों तरीकों से-जो तुम्हें ज्ञात है और जो तुम्हें जात नहीं हैं-मैं तुम्हें मिटा रहा हूं। मैं तुम्हारी मृत्यु में से तुम्हें झकझोर रहा हूं तुम्हारे अतीत में से तुम्हें झकझोर रहा हूं तुम्हें ज्यादा जागरूक और ज्यादा जीवंत बनाने की कोशिश कर रहा हूं।
पुराने प्राचीन शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि गुरु मृत्यु है। वे जानते थे कि गुरु को मृत्यु ही होना है, क्योंकि उसी मृत्यु में से चली आती है क्रांति, उत्क्रांति, रूपांतरण, अतिक्रमण। मृत्यु एक कीमिया है। प्रकृति इसका प्रयोग करती है। जब कोई बहुत वृद्ध और पुराना हो जाता है तो प्रकृति उसे मार देती है।
तुम भयभीत हो क्योंकि तुम अतीत से चिपकते हो। अन्यथा तुम प्रसन्न हो जाओगे और मृत्यु का स्वागत करोगे। तुम प्रकृति के प्रति अनुगृहीत अनुभव करोगे क्योंकि प्रकृति सदा मार देती है पुराने को, अतीत को, मृत को, और तुम्हारा जीवन एक नयी देह में प्रवेश कर जाता है।
एक वृद्ध व्यक्ति एक नवजात शिशु बन जाता है-अतीत से बिलकुल अछूता। इसीलिए प्रकृति तुम्हारी मदद करती है अतीत को याद न रखने में। तुम्हें बीते हुए को न याद रखने देने के लिए प्रकृति तरीके इस्तेमाल करती है; वरना जिस क्षण तुम जन्मते हो उसी क्षण बूढ़े हो जाओगे। बूढ़ा