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फिक्र नहीं लेते कि दूसरे क्या कहते हैं जो लोग कुइनया में सम्मानित हैं वे नहीं आ सकते। कुछ वर्षों पश्चात, जब परंपरा धीरे- धीरे मृत हो जाती है, तो वह प्रतिष्ठित हो जाती है; तब वे आयेंगेअहंकार के कारण।
तुम यहां अहंकार के कारण नहीं हो, बल्कि मेरे साथ इसलिए हो क्योंकि कम से कम अहंकार के लिए प्राप्त करने को तो कुछ नहीं है। तुम गंवाओगे। ऋषभ के साथ केवल वही व्यक्ति बहे थे जो जीवंत थे और साहसी थे और निर्भीक थे और जीवट थे महावीर के साथ थे, मृत व्यापारी जुआरी नहीं इसलिए जैन लोग व्यापारी समुदाय बन चुके हैं। उनका सारा समाज व्यापारी समाज है, वे और कुछ नहीं करते सिवाय व्यापार के । व्यापार संसार की सबसे कम साहसिक बात है। इसीलिए व्यापारी लोग कायर बन जाते हैं। पहले से ही वे कायर थे, इसीलिए वे व्यापारी बने।
एक किसान ज्यादा साहसी होता है, क्योंकि वह अशात के साथ जीता है। वह नहीं जानता, क्या घटने जा रहा है। बारिश होगी या नहीं होगी, कोई नहीं जानता। और कैसे तुम बादलों पर विश्वास कर सकते हो? तुम विश्वास कर सकते हो बैंकों पर, लेकिन तुम बादलों पर विश्वास नहीं कर सकते। कोई नहीं जानता, क्या घटित होने जा रहा है, वह अशात पर निर्भर रहता है। लेकिन वह ज्यादा साहसी जीवन जीता है एक योद्धा की भांति ।
महावीर स्वयं एक योद्धा थे जैनों के चौबीसों तीर्थकर योद्धा थे और कैसा दुर्भाग्य घटा, क्या हुआ कि सारे अनुयायी व्यापारी बन गये? महावीर के साथ वे व्यापारी हो गये क्योंकि वे केवल महावीर के साथ ही आये थे जब परंपरा ख्याति पा गयी थी, जब पहले से ही उसके पास एक पौराणिक अतीत था उसके बाद आये; जबकि वह पहले से ही एक दंतकथा जैसी बन चुकी थी और उसके साथ होना प्रतिष्ठादायक था।
मृत व्यक्ति केवल तभी आते हैं जब कोई चीज मृत हो जाती है। जीवंत व्यक्ति केवल तब आते हैं जब कोई चीज जीवंत होती है। युवा व्यक्ति ज्यादा आयेंगे मेरे पास। यदि कोई वृद्ध मेरे पास आता भी है तो वह हृदय से युवा ही होता है ज्यादा उम्र के लोग तलाश करते हैं प्रतिष्ठा की, सम्मान की। वे जायेंगे मुरदा चर्च और मंदिरों की तरफ, जहां कुछ नहीं है सिवाय रिक्तता के और बीते हुए अतीत के अतीत है क्या? एक रिक्तता ही तो!
कोई चीज जो जीवंत है वह यहीं और अभी है और जो चीज जीवंत है उसका भविष्य होता है। भविष्य उसमें से उपजता है। जिस क्षण तुम अतीत की तरफ देखना प्रारंभ करते हो, कोई विकास नहीं हो सकता।
क्या आप किसी गुरुओं के गुरु से निर्देश ग्रहण करते है ?