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आयुष्य कर्म निवारण पूजा
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प्रभु पद कमल प्रभाव से, कमल प्रभा कमनीय । जीवन पूर्ण विकास मय, होता जन नमनीय ॥२॥ (तर्ज- प्रभु गल सोहे मोतीयन की माला श्याम कल्यान )
विकास को पाओगे करो प्रभु पूजा | विकास को पाओगे ||टेर || पूज्य की पूजा पूज्य बनावे, गिरते हुओं को तुरत उठावे | गुणी सग कर गुण आप उपाओगे || करो० ॥१॥ हिंसा करो मत, मत मूंठ बोलो, चोरी करो मत, विषय न तोलो । रौद्र ध्यान नरकायु निपाओगे || करो० ॥ २ ॥ अपने परायों से द्रोह करो ना, अपने परायों की घात करो ना | द्रोह घात नरकायु बढाओगे || करो० ॥ ३ ॥ साधु गुणी की निन्दा न करना, निन्दक जनका संग परिहरना । निन्दा कुमगे दुर्गति जाओगे || करो० ॥ ४ ॥ काम क्रोध मद मोह विकारा, दूर निवारो बनो अविकारा। सरकारी दुरा भार कमाओगे || करो० || ५ || मिध्यात्वे Tधता नरकायु, भांग पिये ज्यों बढता वायु । दुखदायी मिध्यात्व गमाओगे || करो० ॥ ६ ॥ सात गुण स्थानक तक सत्ता, नरकायु को आगे धत्ता । देते हुए निज शक्ति लगाओगे || करो० ॥ ७ ॥ नारक भी सम्पक्वी होते,
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