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भाषाभास्कर
३ पूर्णभूत काल । कर्म-पुल्लिङ्ग और एकवचन। कर्म-पुल्लिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने देखा था मैंने वा हमने देखे थे तूने वा तुमने देखा था तने वा तुमने देखे थे उसने वा उन्हों ने देखा था उसने वा उन्हें। ने देखे थे कर्म-स्त्रीलिङ्ग और एकवचन । कर्म-स्त्रीलिङ्ग और बहुवचन। मैंने वा हमने देखी थी मैंने वा हमने देखी थीं तूने वा तुमने देखी था तूने वा तुमने देखी थीं उसने वा उन्हों ने देखी थी उसने वा उन्हें। ने देखी थीं २३१ शेष कालों की क्रियाओं के रूप रहना क्रिया के रूपों के अनुसार बनाये जाते हैं ।
२३२ ऊपर के सब उदाहरण कर्तृवाच्य हैं अब सकर्मक धातु के कर्मवाच्य क्रिया का उदाहरण लिखते हैं। कर्मवाच्य में की प्रगट नहीं रहता परंतु कर्म ही कती के रूप से आता है उसके बनाने की यह रीति है कि मुख्य धातु की सामान्यभूत क्रिया के आगे जाना इस क्रिया के रूपों को काल पुरुष लिङ्ग और वचन के अनुसार लिखते हैं ।
देखा-जाना क्रिया के मुख्य भाग । धातु
देखा जा हेतुहेतुमद्दत
देखा जाता सामान्यभूत
देखा गया २३३ सामान्यभूत और जिन कालों की क्रिया उस से निकलती है उन्हें लिखते हैं॥
१ सामान्यभूत काल ।
पुल्लिङ्ग मैं देखा गया
हम देखे गये तू देखा गया
तुम देखे गये वह देखा गया
वे देखे गये
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