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भाषाभास्कर
पूर्वक तुम क्या कहते हो ऐसा बोलते हैं और हम सुनते हैं यहां बहुत्व के निश्चयार्थ हम लोग सुनते हैं अथवा हम सब सुनते हैं ऐसा बोलते हैं।
१६० जब अन्यपुरुष के साथ कोई संज्ञा आती है और कारक का चिन्ह उस संज्ञा के आगे रहता है तो अन्यपुरुष से केवल उसी संज्ञा का निश्चय विशेष करके होता हे कुछ अन्य पुरुष सम्बन्धी वस्तु का ज्ञान नहीं होता। जैसे उस परिवार का उस घोड़े पर और उसका परिवार और उसके घोड़े पर इस से अन्यपुरुष सम्बन्धी परिवार और घोड़े का ज्ञान होता है॥
अनिश्चयवाचक सर्वनाम कोई शब्द।। १६८ इसके कहने से किसी पदार्थ का निश्चय नहीं होता इसलिये यह अनिश्चयवाचक कहाता है। कती कारक में कोई शब्द ज्यों का त्यों बना रहता है परंतु शेष कारकों में कोई को किसी आदेश करते हैं। इसका बहुवचन नहीं होता परंतु दो बार कहने से बहुवचन समझा जाता है। जैसा कोई २ कहते हैं इत्यादि ॥ कारक।
एकवचन । कती
कोई वा किसी ने कर्म
किसी को करण
किसी से सम्प्रदान
किसी को अपादान
किसी से सम्बन्ध
किसी का-के-की अधिकरण
किसी में ॥ १६९ कोई शब्द के समान कुछ शब्द भी हैं परंतु अव्यय होने से इसकी कारकरचना नहीं होती और संख्या के अनिश्चय में वा क्रियाविशेषण की रीति पर प्रायः इसका प्रयोग होता है। जैसे कुछ भेद छ रुपये कुछ बात कुछ लोग कुछ लिखा कुछ पड़ी इत्यादि ॥
आदरसूचक सर्वनाम आप शब्द । १०० भादर के लिये मध्यम और अन्यपुरुष को आप आदेश हे!ता है। उसके कारक हलन्त पुल्लिङ्ग संज्ञा के समान होते हैं और जिस किया
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