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भाष.मास्कर
सम्बन्ध अधिकरण सम्बोधन
कारक। कती कर्म
जल का-के-की अलों का-के-की जल में
जले में हे जल
हे जलो ॥ १३१ हलन्त पुल्लिङ्ग गांव शब्द । एकवचन ।
बहुवचन । गांव वा गांव ने गांव वा गांवों ने गांव को
गांवों को गांव से
गांवों से गांव को
गांवों को गांव से
गांवों से गांव का-के-की गांवों का-के-की गांव में
गांवों में हे गांव
हे गांवो ॥
करण समप्रदान
अपादान सम्बन्ध अधिकरण सम्बोधन
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दूसरा भाग। १३२ इस भाग में हस्व वा दीर्घ ईकारान्त पुल्लिङ्ग शब्द दीर्घ जत्रा रान्त पुल्लिङ्ग शब्द और दीर्घ अकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द आते हैं। एक वचन में और कती के बहुवचन में विभक्ति के कारण कुछ बदलता नहीं पर कर्म आदि कारकों में इकारान्त शब्द से आगे ओं नहीं परंतु यां लगाकर विभक्ति लाते हैं और कदाचित् अंत्यस्वर दीर्घ हो तो उसे हूस्व कर देते हैं। उनके उदाहरण नीचे लिखते हैं । यथा
१३३ ह्रस्व इकारान्त पुल्लिङ्ग पति शब्द । कारक। एकवचन ।
बहुवचन । कती
पति वा पति ने पति वा पतियों ने पति को
पतियों को करण पति से
पतियों से सम्प्रदान पति को
पतियों को अपादान पति से
पतियों से सम्बन्ध
पति का-के-की पतियों का-के-की
कर्म
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