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________________ ३१४ आप्तवाणी-९ अरे भाई. इन्द्रिय को क्यों ताला लगाया? बेचारी इन्द्रिय ने क्या गुनाह किया कि इसे ताला लगाया?! यह तो उन दिनों ज्ञान नहीं था इसलिए इस तरफ का पक्ष ज़रा सख्त हो जाता था। मैंने कहा, 'आप क्यों यहाँ पर पधारे हो? क्यों आप ऐसा कर रहे हो और यों दर्शन करवा रहे हो?' तब उसने कहा, 'ताला लगाया है, नहीं देखता?' मैंने कहा, 'देखा भाई, एक जगह पर क्यों लगाया? इधर पीछे भी लगा दो।' तब उसने कहा, 'हमारे साथ ऐसा बोलता है?' मैंने कहा, 'आपको क्या चाहिए, वह बताओ।' तब उसने कहा, 'पाँच रुपये अभी के अभी दे दो।' मैंने कहा, 'भाई, धमकाने के रुपये मेरे पास नहीं है, मेरे पास विनती के रुपये हैं। आप माँगो उतने रुपये हैं मेरे पास। लेकिन अगर आप धमकाओगे तो, उसके रुपये मेरे पास नहीं है। मेरे गुरु ने कहा है कि जो माँगे उसे देना, और जो धमकाए उसे मत देना।' तब उसने कहा, 'ऐसा करेगा? ऐसा करेगा?' मैंने कहा, 'आप तो बड़े लोग हो, ऐसा कुछ भी कर सकते हो। हमारे पास तो कुछ नहीं है। हम क्या करेंगे और जो पैसा है, वह माँगने वाले के लिए है।' 'हमारे लिए कुछ भी नहीं?' तब मैंने कहा, 'एक रुपया ले जाओ।' मैं ठीक तरह से नहीं बोला न, इसलिए वह फाटक से बाहर निकल गए, फिर मैंने कहा, 'आइए, पधारिए।' फिर चाय रखवाई और पिलाई, और पाँच रुपये दिए। एक रुपया पहले दिया था और पाँच रुपये ऊपर से दिए। इसलिए फिर उसके बाद नहीं बोला। जो निस्पृह हो गए हैं, वे 'हमकु क्या, हमकु क्या' करते रहते हैं। तो वे भी भटक मरे और सभी को भटका मारा और 'ज्ञानीपुरुष' कैसे होते हैं? आपके आत्मा प्रति स्पृहा वाले होते हैं, और बाहर आपका जो भौतिक में है उसके निस्पृही। भौतिक में किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं होती, और उनके आत्मा का किस तरह कल्याण हो उतनी ही स्पृहा होती है। हाँ, संपूर्ण निस्पृह नहीं होते। यानी हम 'ज्ञानीपुरुष' निस्पृह-सस्पृह हैं। इसका क्या मतलब है ? यह किनारा भी हमारा नहीं है और वह किनारा भी हमारा नहीं है। हम तेरे पुद्गल में निस्पृह हैं और तेरे आत्मा के लिए सस्पृह हैं। तू अगर हमें गालियाँ देगा फिर भी हम तेरे प्रति स्पृहा रखेंगे। उसका क्या कारण है ? कि तेरे आत्मा के लिए सस्पृह हैं। वह
SR No.034040
Book TitleAptvani 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDada Bhagwan
PublisherDada Bhagwan Aradhana Trust
Publication Year2018
Total Pages542
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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