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आसन, प्राणायाम और मुद्रा
रक्त संचरण तन्त्र
प्राणायामों, आसनों और यौगिक क्रियाओं के साथ हृदय, रक्तवाहिनी नलिकाएं और पुनः हृदय में रक्त पहुंचाने वाली नलिकाएं - सब लचीली बनी रहती हैं और स्वस्थ रहती हैं । (चित्र के लिए देखें पृष्ठ ८५ पर) आसन-प्राणायाम करने और संयम से जीने वालों को जल्दी रक्त चाप जैसी बीमारियां नहीं होती हैं ।
श्वसन-तन्त्र
प्राणायाम के जरिये श्वास को लम्बा करके अधिकतम ऑक्सीजन
कोमल तालु
स्वरयन्त्र
श्वास-प्रणाल श्वसनियां
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श्वसनिकाएं श्वास-प्रकोष्ठ
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