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अहिंसा दर्शन
प्रायोगिक प्रशिक्षण के अभ्यास सूत्र 1. लोभ का अनुदय अनासक्ति की अनुप्रेक्षा
भय का अनुदय अभय की अनुप्रेक्षा 3. वैर-विरोध का अनुदय मैत्री की अनुप्रेक्षा
क्रोध का अनुदय शान्ति की अनुप्रेक्षा अहङ्कार का अनुदय मृदुता की अनुप्रेक्षा
क्रूरता का अनुदय करुणा की अनुप्रेक्षा 7. असहिष्णुता का अनुदय सहिष्णुता की अनुप्रेक्षा
भावात्मक परिवर्तन के लिए अनुप्रेक्षा के प्रयोग बहुत सफल रहे हैं। इस प्रयोग में मस्तिष्क और पूरे शरीर को शिथिल करने के सुझाव दिए जाते हैं, ये अचेतन या अवचेतन मन को प्रभावित करते हैं। इनसे पुराने संस्कारों
और अर्जित आदतों का क्षय हो जाता है। नए संस्कारों और नई आदतों के निर्माण की भूमि प्रशस्त हो जाती है। ये प्रयोग सङ्कल्पशक्ति, आत्मविश्वास और आत्मनिरीक्षण की क्षमता को बढ़ाते हैं।
स्वास्थ्य और मिताहार का प्रशिक्षण
हृदय-परिवर्तन का दूसरा सूत्र है - स्वास्थ्य और मिताहार का प्रशिक्षण। शारीरिक स्वास्थ्य और अहिंसा में भी आन्तरिक सम्बन्ध है। शारीरिक स्वास्थ्य के अभाव में हिंसा का भाव उपजता है, अतः यह अहिंसा के प्रशिक्षण का एक महत्त्वपूर्ण अङ्ग है।
प्रायोगिक प्रशिक्षण - प्रायोगिक प्रशिक्षण के अन्तर्गत योगासन और प्राणायाम का अभ्यास अहिंसा प्रशिक्षण का एक महत्त्वपूर्ण अङ्ग है।