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जैन चित्रकथा स्वर्गलोक में अपने एक विशाल अनुपम सज्जित सभाकक्ष में इन्द्र और शचि-इन्द्राणी तथा अनेक देवी देवता एक अप्सरा के सुन्दर नृत्य का आनन्द ले रहे है।
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सहसा इन्द्र का आसन काँपता है और सभी उपस्थित देवी देवता भयमीत हो जाते हैं।
देव! 239 इन्द्रलोक का
आसन क्यों कॉप ल्ल रहा है? क्या कोई
संकट आने a वाला है।
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