________________
गुरुदेव ! मुक्ति कैसे प्राप्त की जाती है।
आगे और बताईए ।
श्र 158435705049
19
वत्स । पुण्य और पाप कर्म के आधीन है। हिंसा, मांसाहार, झूठ बोलना, चोरी करना, सारे बुरे काम करने से पाप का बंध होता है और मनुष्य दुख उठाता है और नीच जातियों में जन्म लेता है। परोपकार करने से स्वर्गो के सुख मिलते हैं पर -
- सारे अच्छे बुरे काम छोड़कर आत्म चिन्तन करने से मुक्ति मिलती है
liger
M