________________
आचार्य श्री चरणों में नमोस्तु ।
गुरु जी प्रत्येक द्रव्य के बारे में बताईए ।.
,पक्षी
इस संसार में जितने भी मनुष्य, पशु वे सभी (जिनमें चेतना) जीव हैं। जिनमें चेतनाज्ञान नहीं वह सब अजीव हैं। धर्म, अधर्म, आकाश और काल भी अजीव हैं। सभी का स्वरूप 'विस्तार से
(समझाऊंगा!
14
13
वत्स ! तेरा कल्याण हो ।
ᄆᄆᄆᄆ
100