SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ कुछ दूरी और निकलने के बाद एक स्थान पर सैनिकों की एक टुकड़ी जाती हुई दिखाई दी। हे पुज्यवर! तनिक नीचे तो देखिए। कोई सैन्यदल जा रहा है। हां वत्स ! दुर्योधन की पुत्री राजकुमारी उदधि कुमारी सैनिकों के साथ द्वारिकाजा रही है। पहले इसका विवाह तुम्हारे साथ होना था। किन्तु तुम्हारा हरण हो गया इसलिष्ट अब इसका विवाह सत्यभामा के पुत्रभानुकुमार के साथहोगा। SIVE हे भाई! तुम कौन हो प्रद्युम्न कुमारके मन में उदधिकुमारीकोदेखने की लालसा जंगी। हेतात। जाओ। किन्तु कहीं आपकी आज्ञा होतो कोई विघन खड़ा हो। मैं सेना देव आऊं नारदजीने प्रद्युम्नको दुर्योधन और श्रीकृष्ण के पूर्व निश्चय के बारे में विस्तार से बताया। और यों मार्ग रोक कर क्यों खड़े हो गए हो? हम भील राजा हैं। श्रीकृष्ण की आज्ञा सेद्वारिका जानेवाला। से कर वसूल करते हैं। FDMA Anil विमानको आकाश में रोककर प्रद्युम्न कुमार नीचे जमीन पर उतर आया। और एक भील का वेष बनाया और सैनिकों का मार्ग रोककर रखड़ा हो गया। कर के रूप में हमें तुमको क्या देना होगा? तुम्हारे पासजो राजकन्या है, उसेही मैं करके रूप में चाहता हूं। सूख! यह कैसे हो सकता AJENDRA ठठाललललललल 19
SR No.033213
Book TitlePradyumn Haran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Shastri
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year1987
Total Pages32
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy