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कालकर
।
हमने प्रद्युम्न को
मेघकूट नगर पहुंचने पर वजदंष्ट्र प्रद्युम्न तथा अन्य राजकुमारों केसाथ मारने के जितनीअधिक
राजसभा में उपस्थित हुआ। कोशिश की वह उतनाही अधिक शक्तिवान,विद्यावान
पिताजी। प्रणाम। हमसभी
भाईसानंदलौट आए हैं। होता गया।यदि यह इसशिखर)
प्रद्युम्न सचमुच बहुत सेभीसकुशल विजयी होकर
सशुभ वीर है उसनेसोलह
समाचार लौट आया तोहमयहींसे
स्थानोंसेसोलह
/सेमुझे बड़ा वापस लौट चलेंगे।
लाभ प्राप्त किए
हर्षहुआ।
प्रधुम्नातुमसे ठीक है।यही
मुझे यही करना चाहिए।
आशा थी। जाओऔर शिघ्रही
यह
समाचार -ATESne
अपनी प्रद्युम्न कुमार शिखर से सकुशल ।
जोआज्ञा,
माकोदो। नीचे उत्तर आया
पिताजी। प्रधुम्न कुमार रानी कनकमाला के महल में गया।।
प्रद्युम्न! सुनो, में तुम्हारीमानहीं हैं।। माताजी.प्रणाम ! आपके आशीर्वाद से मैंने सोलह भाभ
तुमतो हमें जंगल में मिलेथे। तुम्हारे
बचपन में ही में तुम्हारेरुप पर सुरवीरहो। तुमने सोलह प्राप्त किए।
मुग्ध हो गई थी। उसी समय लाभ प्राप्त किए-यह सुनकर
मैंने एक कामनाकीथी मेरा रोम रोमप्रसन्न
जब तुमतरूण हो होउठा | मेरीइच्छा
जाओगे, तुम्हे अपना है कि अब तुम
पति बनाऊंगी। अतः सत्रहवा लाभ भी
सत्रहवेंलाके प्राप्त करो।
रूप में मुझे
प्राप्तकरो। धिक है तुम्हारीकामनाको। ऐसाधृणित विचार! हेमा चित को स्थिरकरो। इस
अशोभनीय विचार को HTROL
तुरंतत्याग दो। प्रद्युम्न रानी कनकमालाको समझाकरदरखी । हे स्वामी अबमेराजीनाबेकार है, जिसेहमने पुत्र की तरह मन अपने महल में चला गया और अपने प्रयास पाला-पोसा, उसी प्रद्युम्न ने मेरी इज्जत लूटनेका प्रयास में असफल होनेपररानीकनकमालाने अपना
किया। आपके रहते हुए क्या..... रूप निगाड लिया।राजा कालसंवर के आने
राजाकालसंवर ने रानीकी पर उसने प्रद्युम्न की झूठी शिकायत की।
शिकायत पर विश्वासकर लिया
बस,बस आगे कुछनकहो उस नीच को अपने किए काफल
भोगना पड़ेगा।
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