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________________ noonmn AAGAROO वह अहमिन्द्र आयु पूर्ण करके अयोध्याके राजा वज्रबाहु की रानी प्रभावती के आनन्द कुमार नाम का पुत्र हुआ। जवान हुआ,,विवाह हुआ पिताने राज्याभिषेक किया। एकदिन राज्यसभा में आनन्दकुमार राजा बैठेथे कि.... महाराज कीजयहो। मंत्री जी,आपने अच्छी याद दिलाई। महाराज! आज कल अष्टानिका चलो जिन मंदिर में पर्वचल रहाहै। पूजन करने चलें आपभी जिनेन्द्र भगवान कापूजन रचाकर पुण्य लाभ कमाईयेगा एक दिन......हैं यह क्या? सफेद बाल। मृत्युका मियादी वारंट ! बुढ़ापा लो आही गया, मृत्यु भी बहुत जल्दी आ ही जायेगी। क्या ही अच्छा हो झटपट गृहस्थी के झंझट से ट कर मुनिदीक्षाले कर कल्याण मार्ग में लग 5) जाऊं! टपट RONACOM कर मकल्य 40000 SO सफाजपणाप्याण्ण्ण वापरण्याwwwNA बस राजाआनन्द दिगम्बर मुनि बन गये, उत्तम क्षमादि १०धमों का पालन करने लगे,नित्यादि. १२ भावनाओं का चिन्तन किया,२२ परिषद जीत. १६ भावनायें भाई, जिनके भाने से तीर्थंकर प्रकृति काबंध किया... ... HAHAHANI
SR No.033212
Book TitleParshvanath
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherUnknown
Publication Year2000
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size38 MB
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