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________________ DOCYCLOnmom MoonaMOOCLA जब राजकुमार पार्श्वनाथ ३०वर्ष के हुए, एक दिन अयोध्या के राजा जयसेन का दत पार्श्वनाथ को भेन्ट देने के लिए आया आपकी जय हो।अयोध्या केराजा जयसेन ने आपके चरणो में यह भेट भिजवाई है, कृपया स्वीकार कीजियेगा। MA Arame POOAD यह अयोध्या कौनसी नगरी है? बलाइये तो सही। DO IN000जन कर्मा का नाम महाराज,यह अयोध्या वह नगरी है जहां पर देवाधिदेव प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभदेवने जन्म लियाथा हैं। भगवान ऋषभदेव की जन्म भूमि। भगवान ऋषभदेव ने तो कर्मों का नाश करके मोक्षको प्राप्त कर लिया था.... .. और मैं अभी भी संसार में फंसा हुआ हूं ! मुझे भी घर बार छोड़ कर अपना कल्याण कर लेना चाहिए। देर नहीं करनी चाहिए। अच्छा चलूं अब मुनि बनने... min 00050000005OOPORapoli cg@codeos 56UOSECOO VAC COOON राजकुमार पाश्वनाथ... 'वैराग्य की भावना का चन्तन कर कल्याण मार्ग पर अग्रसर हो गये...
SR No.033212
Book TitleParshvanath
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherUnknown
Publication Year2000
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size38 MB
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