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मुक्ति-कॉमिक्स
मनिराज के अलावा तो अभी तक यहाँ कोई, नहीं आया,लगता है वही ...
अरे ! तुम्हें पता है कि तुम क्या कर रहे हो ? अचायमहाव्रत के धारी मुनिराज क्या कभी ऐसा अधम कार्य कर सकते हैं ९
नहीं-- नहीं वही पापी
आह! मैं क्या सुन रही १ अरी धरती! तूफट क्यानटी गई -- काश! आज मैं बहरी होती
और अत्यन्त कृद्ध होकर अंगारक गुनिराज को मारने जंगल की ओर चल दिया।
अरे! वह देखो ! वही -चोर ---देखता हूँ...
धूर्त ।