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मुक्ति कामिम्स और यह खबर चारों तरफ फैल गई लोग बातें करने लगे...
अरे भोट ! 38, देख शहर में क्या हो रहा
कुछ सुना तने ९ अपना गुलाल ...
चल नाश यहाँ से! बड़ा आया यहाँ गुलाल लगाने. पागल.. मुझे जगा दिया आकर .. अरे मूख! अभी क्या होली है में श्री - मीठे स्वप्न देख रहा था.
नई ! मै तो मित्र गुलाल की बात कर रहाँ था | सुना है वह अब साधु ...
ठीक है ठीक है.. मैं सब भर जैसा भोटा-ताजा सोना चाहता है | वार.. भाई वाह ! बढ़ियाबढ़िया स्वादिष्प भोजन, खूब सेवाप्रशंसा और मजे में सोते रहो.
नटी भाई ! नहीं, ऐसा नहीं, वर नग्न दिगम्बर जैन साधु बन रहा है ... इसमें गम्भीर जानव तपश्चरण