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चक्रवर्ती पद के नियोग स्वरुप.भरतने दिग्विजय के लिये प्रस्थान किया,
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महाराज भरत की जय! "urlamma • now
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गंगा से समुद्र तट के बीच के छोटे मोटे राजाओ ने भरत की सुदृढ़ सेना कसमक्षा अधीनता स्वीकार कर लेना ही उचित समझा.
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