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दूसरे दिन राजा ने राजकुमारों से सारी बात कही।
मुक्ति कामिक्स पिताश्री हम आपकी बात समझ गये हैं, हम अपनी योग्यता
की परीक्षा के लिए तैयार
प्रिय पुत्रो! कसौटी पर कसे बिना न सोना पहचाना जाता है और न ही उसका मूल्य ही मिलता है,
वैसे ही...
बात सुनकर राजा ने घड़े में ओस लाने का कहा।
परन्तु श्रेणिक ने रुई से केले के पत्ते पर रखी ओस को बटोरकर घड़ा भरा।
राजा की बात से सभी राजकुमार असमंजस्य में पड़ गये और... तत्पश्चात राजा ने दूसरी परीक्षा ली। लड्डुओं से भरी टोकरी के मुँह को बिना खोले लड्डू खाने को कहा।
परन्तु श्रेणिक ने टोकरी को जोर-जोर
से हिलाकर लड्डू फोड़ मुझे तो जोरों
डाले और उसमें से गिरे से भूख
चूरे का लगी है।
खाया