________________ प्रकाशकीय श्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद् ट्रस्ट की ओर से ब्र. हेमचन्दजी 'हेम' की महत्वपूर्ण कृति 'क्षयोपशमभाव चर्चा' का प्रकाशन करते हुये हमें अतीव प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। ___ पुस्तक की विषयवस्तु के संबंध में डॉ. राकेशजी ने प्रस्तावना तथा सम्पादकीय में सभी कुछ स्पष्ट कर दिया है, मुझे कुछ भी कहना शेष नहीं रहा। रही-सही कसर अन्तर की बात में लीलावतीजी ने भी उद्घाटित कर दी है। __ अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद् ने ब्र. हेमचन्दजी 'हेम' की छह महत्वपूर्ण कृतियों के प्रकाशन का निर्णय लिया है। जिसमें से सम्यक्त्व चर्चा एवं क्षयोपशमभाव चर्चा प्रकाशित हो गई हैं। इसका संयुक्त स्वरूप 'ज्ञानदीप' के रूप में प्रकाशित करने की योजना है। __ अभी तक विद्वत्परिषद् द्वारा 26 पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है जो निम्न है - अध्यात्म बारहखड़ी, मंगलतीर्थ यात्रा, चतुर चितारणी, इष्टोपदेश, ज्ञानामृत, क्षत्रचूड़ामणि परिशीलन, जैन जाति नहीं धर्म है, श्रावकाचार : दिशा और दृष्टि, शुद्धोपयोग विवेचन, बसंततिलका, क्षत्रचूड़ामणि, प्रतिबोध, सिद्धलोक एवं सिद्धत्व साधना के सूत्र, समाधि साधना और सिद्धि, छहढाला का सार, चलते फिरते सिद्धों से गुरु, ज्ञानानन्द श्रावकाचार, सर्वार्थसिद्धि वचनिका, कालचक्र, भ. महावीर जन्मभूमि का सच, स्मारिका, क्षमावाणी, आत्मा ही परमात्मा है, आप्त-परीक्षा, सम्यक्त्व चर्चा, क्षयोपशम भाव चर्चा / __ प्रस्तुत प्रकाशन हेतु अमित जैन - दिल्ली, के.के.पी.पी. ट्रस्ट उज्जैन, नेमीचन्द जैन ‘अर्पण' औरंगाबाद, एल.डी. शाह, जयन्तीलाल तखतराज मेहता, हेमन्त जगदीश बेलोकर डसाला, पवनजी मंगलायन अलीगढ़, डॉ. अरविन्द दोंडल, दि. जैन मुमुक्षु मण्डल भोपाल, अमित शास्त्री कोलकाता, भरत भौरे कारंजा, वर्धमान लोखंडे, लक्ष्मीलाल बण्डी उदयपुर, डॉ. पारसमलजी अग्रवाल उदयपुर, ब्र. हेमचन्दजी 'हेम', नीलेश जैन तथा श्री जे.के. दुष्यन्त जैन दिल्ली ने अपना आर्थिक सहयोग प्रदान किया है; इसके लिए हम उनके आभारी हैं। सूची का प्रकाशन ज्ञानदीप पुस्तक में किया जायेगा। - अखिल बंसल, महामंत्री (iv)