________________ लिये उठाई हुई अधिक सुन्दर हो जाती है / ६-बानर से डराई हुई वह बच्ची अभी तक होश में नहीं पाती। भगवान् भला करें / कभी 2 अचानक भय (भीति) से भी मृत्यु हो जाती है / 10 परीक्षा (परीष्टि) में अपनी सफलता का समाचार (प्रवृत्ति) पाकर उसे अपूर्व सन्तोष (तुष्टि) हुआ / 11 *महात्मानों के वचन (व्याहृति) लोक में कभी मिथ्या नहीं होते। 12- *बड़ों की भी परम उन्नति का अन्त अवनति है / 13 - वह बन्दर है और यह बन्दरी (कपि) है। यह अपने बच्चो को छाती से लगाये हुए डरी हुई सी भागती जा रही है। 14 - आज हमने तीन कोड़ियाँ बर्तन कलई करवाये हैं और नौ रुपये मेहनत (भति) दो। संकेत -2 - विद्या भुक्ति मुक्ति च ददाति / चेतोनिवृतिः कीर्तिश्चानुषङ्गात् / 2- सर्वकालमितस्ततः परिक्रामन्तमेव त्वां पश्यामि / वृत्ति केन कल्पयसि ? ५-किं नु खलु की]त देवदत्तस्य / स हि गुणानां खनिः / 14- अद्य तिस्रः विंशतयः पात्राणां त्रपुलेपं लम्भिताः / नव रूप्यकारिण च भूतिर्दत्तानि (नव रूप्यकाणि च भूतिर्दत्ता)। अभ्यास-१८ (इकारान्त स्त्री०) १-प्रार्य लोग नदियों और तालाबों (सरसी) में नहाना पसन्द करते हैं। बन्द कमरों में नहाने की प्रथा थोड़े समय से ' चली है / 2- यह वनस्थली कितनी रमणीय है / प्रांखों को लुभाने के लिये और मन को रिझाने के लिये इससे बढ़कर कौन सी चीज हो सकती है / 3- पाणिनीय पद्धति (पद्धती) सर्वश्रेष्ठ है यह निर्विवाद है / इस शास्त्र पर काशिका नाम की बड़ी (बृहती) टीका है / 4- यह सीता की सोने की मूर्ति है। इसे राम ने अश्वमेध यज्ञ में अपनी सहधर्मचारिणी बनाया / 5 - विस्तीर्ण आकाश में विद्युत् रेखा से घिरी हुई मेघमाला (कादम्बिनी) अपूर्व शोभा को धारण किये हुए है / ६इस समय राजा सेनामों ( वाहिनी, अनीकिनी) का अधिकाधिक संग्रह कर रहे हैं और इसे ही शान्ति स्थापन का साधन समझते हैं। ७-संस्कृत (सुरभारती, सुरगवी, गीर्वाणवाणी ) में अनुरक्ति से जहाँ ज्ञान में वृद्धि होती है वहां चित्त को शान्ति भी मिलती है। 8- गाड़ी 1-1 अर्वाचीना। २-लोभयितुम् / ३--रञ्जयितुम् / ४-सर्वासां श्रेष्ठा ( सत्तमा ) / यहाँ समास नहीं हो सकता।