________________ 64] नित्य नियम पूजा घत्ता // अथ जयमाला // दोहा-श्रीमत तीरथनाथपद, माथ नाय हित हेत ! ____गाऊ गुणमाला अबै, अजर अमरपद देत / 1 // जय भवतमभंजन जनमनकंजन, रंजन दिनमनि स्वच्छ करा। शिवमगपरकाशक अरिगन नाशक, चौबीसों जिनराज वरा / / पद्धरि छन्द नय ऋषभदेव ऋषिगन नमंत, जय अजित जीतवसु अरि तुरन्त जय संभव भवभय करत चूर, जय अभिनन्दन आनन्दपूर / जय सुमति सुमतिदायक दयाल. जय पद्मपद्मदुतितन रसाल। जय जय सुगस भवपासनाश, जय चंद चंद तनदुतिप्रकाश / / जय पुष्पदंत दुतिदंत सेत, जय शीतल शीतलगुण निकेत / जय श्रेयनाथ नुतसहस भुञ्ज, जय वासवपूजित वासुपूज्ज / / जय विमल विमलपद देनहार, जय जय अनंत गुणगन अपार जय धर्म धर्म शिवशर्म देत, जय शांति शांति पुष्टि करेत / जय कुन्थु कुन्थुवादिक रखेय, जय अरजिन वसुअरि क्षयकरेक जय मल्लि मल्ल हत मोह मल्ल, जय मुनिसुव्रत व्रतशल्ल दल्ल: जय नमि नित बासवनुतसपेम, जय नेमनाथ वृषचक्र नेम / जय पारसनाथ अनाथनाथ, जय वर्द्धमान शिवनगर साथ // पत्ता-चौबीस जिनंदा, आनंदकंदा-पापनिकंदा सुखकारी। तिनपदजुगचंदा, उदय अमंदा, वासव वंदा, हितकारी // ॐ ह्रीं वृषभादिचतुविंशतिजिनेभ्यो महायं निर्वपामीति स्वाहा / सोरठा-भुक्ति मुक्ति दातार, चौबीसों जिनराज वर / तिनपद मनवच धार जो पूजे सो शिव लहै // ( इत्याशीर्वादः पुष्पांजलिं क्षिपेत् / )