________________ नित्य नियम पूजा [ 35 चौबीसों जिनपद नमों नमों शारदा माय / शिवमग साधक साधु नमि, रच्यो पाठ सुखदाय // 22 // मंगल मूर्ति परम पद पंच धरों नित ध्यान / हरो अमंगल विश्वका मंगलमय भगवान / 23 // मंगल जिनवर पद नमो मंगल अहंत देव / मंगलकारी सिद्धपद सौ वंदो स्वमेव / 24 // मंगल आचारज मुनि, मंगल गुरु उवजाय / सर्व साधु मंगल करो वंदो मन बच काय // 25 // मंगल सरस्वती मात का मंगल जिनवर धर्म। मगलमय मंगल करो हरो असाता कर्म / 26 / / या विधि मंगल करनेसे जगमें मंगल होत / मंगल 'नाथुराम' यह भवसागर दृढ़ पोत / 27 / / / पुष्पांजलि क्षेपण करे // पूजन प्रारम्भ ॐ जय जय जय / नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु / णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं / णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्यसाहू गं / 1 / / ॐ हीं अनादिमूलमंत्रेभ्यो नमः / (पुष्पांजलि क्षेपण करना) चत्तारि मंगलं, अरिहंता मंगलं, सिद्धा मंगलं, साहू मंगलं, केवलि-पणतो धम्मो मंगलं, / चतारि लोगुत्तमा, अरिहंता लोगुत्तमा, सिद्धा लोगुत्तमा, साहू लोगुत्तमा, केवली-पण्णत्तो