________________ नित्य नियम पूजा [151 - अथाष्टक चाल-सोलहकारण पूजा की। गंगाजल सम उज्वल नौर, पूजों विष्णुकुमार सुधीर / दयानिधि होय, जय जगबन्धु दयानिधि होय / सप्त सैकडो मुनिवर जान, रक्षा करी विष्णु भगवान | दयानिधि होय, जय जगवन्धु दयानिधि होय / जहाँ श्रीविष्णुकुमार मुनिभ्योनमः जन्मजरामृत्युविनाशनाय जलं मलयागिरी चन्दन शुभसार, पूजों श्रीगुरुवर निर्धार / दयानिधि होय, जय जगबन्धु दयानिधि होय / सप्त.. ॐ ह्रीं श्रीविष्णुकुमारमुनिभ्योनमः भवतापविनाशनायचंदनं नि० श्वेत अखंडित अक्षत लाय पूजों श्री मुनिवरके पाय / दयानिधि होय, जय जगबन्धु दयानिधि होय ! सप्त.।। ॐ ह्रीं श्रीविष्णुकुमार मुनिभ्योनमः अक्षयपदप्राप्तये अक्षतान निक कमल केतकी पुष्प चढाय, मेटो कामबाण दुखदाय / दयानिधि होय, जय जगबन्धु दयानिधि होय // सप्त। ह्रीं श्रीविष्णुकुमारमुनिभ्योनमः कामबाणविघ्वंशनाथ पुष्प निक लाड़ फेनी घेवर लाय, सब मोटक मुनि चरन चढाय / दयानिधि होय, जय जगबन्धु दयानिधि होय / सप्ता ॐ ह्रीं श्रीविष्णुकुमार मुनिभ्यो नमः क्षुधारोगविनाशनाय नैवेद्यं निक घृत कपुरका दीपक जोय, मोहतिमिर सब जावै खोय / दयानिधि होय, जय जगबन्धु दयानिधि होय / सप्त.। ह्रीं श्रीविष्णुकुमारमुनिभ्योनमः मोहांधकारविनाशनाय दीफ अगर कपूर सुधूप बनाय, जारे अष्ट कर्म सुखदाय दयानिधि होय, जय जगबन्धु दयानिधि होय / सप्त..