________________ नित्य नियम पूजा श्री चौवीस तीथङ्करोंका चिन्ह / वृषभनाथका 'वृषभ' जु जान / अजितनाथके 'हाथी' मान / संभवजिनके 'घोडा' कहा / अभिनन्दनपद 'बन्दर' लहा॥१॥ सुमतिनाथके 'चकवा' होय / पद्मप्रभके 'कमल' जु जोय / जिनपासके 'सथिया' कहा / चंद्रप्रभ पद 'चन्द' जुलहा // 2H पुष्दन्त पद 'मगर' पिछान / कल्पवृक्ष 'शीतल' पद मान / श्री श्रेयांस पद 'गैंडा' होय। वासुपूज्यके 'भैसा' जोय // 3: विमलनाथपद 'शूकर' मान / अनंतनाथ के 'सेही' जोन / धर्मनाथके 'वज्र' कहाय शांतिनाथ पद हिरन' लहाय 4 / कुन्थुनाथके पद 'अज' चीन / अरजिनके पदचिह्न जु'मीन' / मल्लिनाथके पद 'कमल' कहा। मुनिसुव्रतके 'कछुआ'लहा / 5. लालकमल नमिजिनके होय / नेमिनाथ-पद 'शङ्खजु जोय / पार्श्वनाथके 'सर्प' जु कहा। वर्द्धमान पद 'सिंह' हि लहा / 6