________________ 168 जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास 251. इ०ए०जि०७ प०३४ 252. वही जि०१८ पृ० 248 253. जै०शि०सं०भा०३ ले०नं० 333. पू०म०का०भा०पृ० 342, प्रज्ञा पृ० 3 254. वही भा०३ ले०न० 435 255. वही भा०४ लेन० 265 256. वही इ०ए० जि० 17 पृ 274 257. इ०ए०जि०४ पृ० 176 258. आ०पु० 25/76-217 256. वही 14/80-85 260. जै०शि०स० भा०३ ले० 332 261. पू०म०का०भा पृ० 343 262. जै०शि०सं०भा० 2 ले०न० 167 263. वही लेन० 222, 277 264. वही भा०४ लेन० 154 265. जै०कश०सं०भा०२ ले०न० 262, भा०४ लेन० 167 266. वही भा०२ लेन० 301 267. वही भा०३ ले०न० 346 268. वही भा०२ लेन० 277 266. वही भा०१ ले०न० 104, 110, भा०२ ले०न० 247 270. वही भा०३ लेन० 431, भा०४ ले०न० 168 271. वही भा०४ लेन० 51, 53 272. जि० र०को०पृ० 108, 106 273. "हिस्टी औफ मौनिचिज्म फोम इन्शकपशन्स एन्ड लिटरेचर पु० 513 274. जै० शि०सं० भा०१ ले०न०१ 275. जै० शि०सं० भा०२ ले०न० 68 276. जै०शि०सं० भा०१ लेन०१ 277. जै० शि० सं० भा०२ लेन० 68, 66 278. जै० शि०सं० भा०२ ले०न० 60, 61 276. जै० सा०इ०, द्धि०सं० पृ० 485 280. जै० शि० सं० भा० 2 ले० न० 60, 64 281. जै० शि० सं० भा० 3 ले० नं० 111, इ० ए० 7 पृ० 112 282. जै० शि० सं० भा० 1 ले० न० 105 283. जै० शि० सं० भा० 1 ले० न० 108