________________ 166 जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास 200. वही भा०२ ले०न० 214, 200, 124, भा०१ लेन० 8.13, 14 201. जै०शि० स०भा०२ ले०न० 248, 277 202. जै० शि० स०भा० 2 ले० न० 266 203. जै० शि० सं० भा० 2 ले० न० 237 204. जै० शि०सं० भा० 2 ले० न० 277, 301 206. जै० शि० सं० भा० 4 ले० न० 63 207. जै० शि० सं० भा० 2 ले० 0 228 208. जै० शि० सं० भा० 1 ले० न० 38, 56, 46, 45, 60, 53, 56, 62, 65, 66, 67, 144, भा० 3 ले० न० 122, 182, 277, 206. जै० शि० सं० भाग 2 ले० न० 204 210. जै०शि० सं० भा० 2 ले० न० 130 211. जै० शि० सं० भा० 1 ले० न० 137, भा० 3 ले० न० 264, 318 212. जै० शि० सं० भा० 4 ले० ल० न० 63 213. जै० शि० सं० भा० 2 ले० न० 266 214. जै० शि० सं० भा० 2 ले० न० 263 . 215. जै० मूर्तिकला एंव स्थापत्य, खण्ड 2 पृ० 457 216. जै० शि० सं० भा० 3 ले० न० 277, 204 217. जै० शि० सं० भा० 1 ले० न० 75, भा० 4 ले० न० 63 218. जै० शि० सं० भा० 2 ले० न० 161, 211, 247 . 216. जै० शि० सं० भा० 3 ले० न० 306, 318, 336, 305 भा० 2 ले० न० 108, , 210 / भ० 4 ले० न० 183, 287 220. जै० शि० सं० भा०२ ले० नं० 250 221. वही भा०१ ले० न० 78, 361, भा०४ ले० न० 63, 260 * 222. वही भा० 4 लेन० 65, 314 223. वही भा०२ ले० न० 431 224. वही भा० 1 ले० न० 115, भा०४ ले० न० 68-66 225. वही भा० 2 लेन० 167 226. जैन मूर्तिकला एवं स्थापत्य खण्ड 1 अ०२ पृ 15 जै०शि०सं० 2 लेन०२४ 227. जै०शि०सं० भा०४ लेन० 166 228. वही भा०१ लेन० 78, 130 भा०२ लेन० 22, 138, 166, भा०४ लेन० 166, 216 226. जै०शि०ले०सं०भा०१. 51, 88, 86, 56, 45, 56, 80, 60, 107, 130, भा०२