________________ 152 ... जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास 167. जी०च० 2/1, 18-20 . .. 168. त्रिश०पु०च० 1/2/660-64 / 166. य०च०उ०ख०६/पृ 330, ने०चं० 124 पृ० 58 170. जी०च० 11/4, 10. . 171. नेच०श्लोक 71, 78 172. व०च०२/२५ 173. य०च०पू०ख 2/322-75 174. त्रिश०पु०च० 1/1/80-86 175. वही 1/1/100-101 .. 176. ज०उ०प्र०हि०सो०भा०२, अंक 1-2 177. जी०च० 3/5 178. बंच० 13/66-70 176. त्रिश०पु० च० 2/3/477-80 180. वही 2/3/481-85 181. त्रिश०पु०च० 2/3/552-53 182. वही 2/3/566-610 183. वही 2/3/616-652 184 त्रिश०पु०च० 2/3/653-54 185. वही 2/3/686-700 186. वही 293/84-85 187. वही 2/3/664-70 188. वही 2/3/671-72 186. त्रिश०पु०च० 2/3/750-7721/2 160. वही पृ० 2/3/526 161. वही 2/3/530-31 162. वही 2/3/532-34 . 163. त्रिश०पु०च०२/३/५४०-४६ 164. वही 2/3/767-800 165. बं०च० 3/8, त्रिश०पु०च० 1/1/140-145 166. व०च०२/६५, प्र०च०६/२५ 167. व०च०२/७०, बं०च०३/१३-३२, प०च०६/३१ / 168. ने०म० 15/87 166. त्रिश०पु०च० 1/1/188, 1/3/651-53, प्र०च०६/५४ . . . ..