________________ 66 जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास 118. ए० इं० जिल्द ६पृ० 23. ए० इं० जि० 4 पृ० 306 116. आ० पु० 16/170-174 120. आ० पु. 16/175 121. आ० पु० 16/254 122. प० पु० 66/51-56, 6/68, प० च० (स्वयंम्भू) 25/14/1-10 भाग 2, 25/16/8 ह० पु० 2/70 123. प० पु० 55/36, प० च० (स्वयंम्भू) 43/6/1 124. आ० पु० 26/77, 8/41 125. सांची फु० 15 126. आ० पु० 6/113 127. प० पु० 12/182-184 128. आ० पु० 26/82, 30/111 126. हिस्ट्री ऑफ मिडिएवल इंडिया जिल्द 1 पृ० 142-55 130. प० पु० 6/427-433, 6/15-16 131. प० पु० 63/28-36 132. प० पु० 4/71-72, 8/451 133. प० पु० 55/2, प० च० (स्वयंम्भू) 48/5/5, भाग 3 134. प० पु० 55/83-86 135. प० पु० 55/3-5 136. आ० पु० 27/118-116, ए० इं० जिल्द 18 पृ० 244 137. प०पु० 10/112, 12/134, 136, 212, 257, 50/32, 37, 52/40, 62/7, 73/174 आ० पु० 37/161, 167 138. प० पु० 12/324-336, प०च० 48/12/1 136. प० पु० 60/60-62 140. प०च० (स्वयंम्भ) भा०३, 56/7/1-6 141. प.पु. 12/188, 44/56, 10/116, 57/30, 32, 36 142. प०च० (स्वयंम्भू) 56/1/10, प० पु० 58/26-28 143. प० पु० 8/446, 10/115 144. प० पु० 10/158, 60/112 145. प०पु० 10/156-161, 13/1-22 146. प० पु. 10/20 147. प० पु० 12/355, 10/147 148. प०पु० 6/51-65 .