________________ 64 जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास 54. ह. पु० पृ०७१ 55. भा० पु० अ० 7, पृ० 136 56. अ० पु० 5/123-126, विस्तृत वर्णन पृ० 60-81 57. आ० पु० 3/24, ह० पु० 5/167 58. आ० पु० 3/38-40, ह०पु० 7/81 56. आ० पु० का सा० अ० पृ० 33 60. आ० पु० 3/28-34 61. ह० पु० 5/170 62. ह० पु० 5/186-160 63. ह० पु०५/४६० 64. ह० पु०५/२७७ 65. ह०पु०५/५७६-५६४ 66. ह०पु० 5/613 67. ह०पु० 5/614-615 68. ह०पु० 5/657 66. आ० पु० 16/214 70. ह०पु०५/६४७ 71. ह० पु० 5/652-653 72. आ० पु०५/२६२ 73. ह० पु० 5/676-680 74. ह० पु० 5/685 75. ह० पु० 5/686-668 76. ह० पु 5/731 77. ह० पु० 5/283-284 78. ह०पु० 6/35-38 76. ह० पु०६/३६-४१ 80. त्रि० सा० 332 81. आ० पु० 16/164-173 82. म० शा० प० अध्याय 58, दीघ निकाय भाग 3 पृ० 84-85 83. आ० पु. 16/255 84. प० पु० 26/22, 55/83-86, 8/467-468, 4/61-66 85. नी० वा० अ० 17-18 86. प० पु० 3/1-5, 35, 2/216/220, 253, 10/57