________________ कर्म वै शृणु मे रुरो] महाभारतस्थ [कर्माण्यस्य विशेषतः कर्म वै शृणु मे रुरो, 1. 11. 16. कर्म वै सफल कृत्वा 13. 148. 18. कर्मव्यापारवर्जिते 12. 419*. 1 post. कर्मव्याक्षेपसंयुताः 13. App 15. 2078 post. कर्म व्याहृतयस्तथा 13. App. 11. 123 post. कर्म शक्रोऽपि संजय 7.725*.2 post. कर्म शंससि मे रणे 7.725*. 1 post. कर्म शूद्रे कृषिवैश्ये 3. 198.249. 12.92.4. कर्म श्रद्धा तपांसि च 12. 329. 10. कर्मसङ्गिषु जायते 6. 36. 15. कर्मसङ्गेन देहिनम् 6. 36.74. कर्म सत्पुरुषोचितम् 5. 164. 32. कर्म सत्यं तपोऽर्थश्च 8. 24. 75. कर्म सत्यानृते चोभे 13. 16. 23deg. कर्म सद्भिर्विगर्हितम् 5. 9. 26". कर्म सर्व समासतः 13. App. 15. 2784 post. कर्म सर्वेऽतिमानुषम् 1. 630*. 1 post. कर्मसंघर्षजैदोषैः 12. 112. 56. कर्मसंचयतूलौघः 12. App. 21. 28 pr. कर्मसंततिमुत्सृज्य 12. 19. 20deg. कर्मसंबन्धलक्षणः 13. 1.66. कर्मसंमूढचेतनम् 7. 122. 500. कर्मसाक्षी प्रजानां यः 12. 34.5deg. कर्म सात्त्विकमिष्यते 13. App. 15. 2345 post. कर्म साधुविगर्हितम् 5. 128. 14. कर्मसिद्धान्द्विजर्षभान् 1. 155. 1. कर्मसिद्धिमपृच्छत 1. 27. 16. कर्मसिद्धौ तदा तत्र 3. 239. 22". कर्मसिद्धौ प्रशस्यते 3. 33. 29". कर्मसिद्धयै द्विजोत्तमम् 1. App. 79. 4 post. कर्म सिध्यति मानवम् 5. 104. 21". कर्मसु स्थिरपौरुषान् 12. 108. 20. कर्मसूपहतेषु च 12. 139. 3. कर्मस्था विषमं ब्रूयुः 12. 224. 52%; 230. 6. कर्मस्वनुपयुञ्जानं 12. 65. 11. कर्म स्वं पालयाम्यहम् 3. 198. 20deg. कर्मस्विह विचित्रेषु 3. 211. 22deg. कर्मस्विहानुरूपेषु 12. 119.6". कर्मस्वेव प्रवर्तते 5.75 12. कर्मस्वैः कर्मभिर्नरः 13. 312*. 1 post. कर्म हातुं सुरासुरैः 13. App. 15. 2032 post. कर्म हित्वा शुभाशुभम् 12. 339. 11'. कर्म हिंसात्मकं त्यजेत् 12. 283. 236. कर्महेतुपुरस्कारं 12. 19. 19deg. कर्म ह्यारभते तु यः 12. App. 29B. 163 post. कर्माकर्मण्यतां गताः 13. App. 15. 3649 post.. कर्मागारं सत्यतीरं 12. 290. 63". कर्माणि कुरुतेऽवशः 12. 62. 100. कर्माणि कुर्वन्तममानुषाणि 4. 975*.6%3 App. 44. . 40A 24. कर्माणि कुर्वाणममानुषाणि 4. 49. 11'. कर्माणि कृत्वा समरे महात्मा 7.7.29. कर्माणि गरुडध्वजः 2.21*. 1 post. कर्माणि च तदर्हाणि 13. App. 15. 455 pr. कर्माणि च नरव्याघ्र 1. 58. 21". कर्माणि च मृदूनि च 4. 690*. 2 post. कर्माणि च यथागमम् 12.262. 14. कर्माणि च यथापूर्व 7. 50. 13. कर्माणि च युधिष्ठिर 12. 61. 14. कर्माणि चैव दिव्यानि 7. 173. 40*. कर्माणि चोदयन्तीह 13. 1. 66deg. कर्माणि तस्य कुर्वाणाः 4. 12. 32. कर्माणि परिचिन्तय 12. 34.8. कर्माणि परिपृच्छसि 7. 26. 1.. कर्माणि पुरुषर्षभ 3. 33. 24. . कर्माणि पृथिवीशानां 14.59. 7deg. कर्माणि प्रविभक्तानि 6. 40. 41'. कर्माणि यस्याखिलान्यद्भुतानि 8. 1020*.7. कर्माणि यानि देव त्वं 3. 13. 35. कर्माणि विजयं तथा 2. 29. 1. कर्माणि विविधानि च 14.76.6. कर्माणि विविधान्युत 10. 17.84. कर्माणि वैदिकान्यस्य 12. 11. 13. कर्माणि श्रुतवानहम् 7. App. 18. 15 post. कर्माणीच्छामि सर्वशः 2. App. 21. 24 post. कर्माणीह निवर्तयेत् 12. 286.9. कर्माण्यकुहकार्थानि 12. 111. 126. कर्माण्यथ महात्मनः 13. 18. 45. कर्माण्यध्यापनं चैव 13. App. 15. 476 pr. कर्माण्यनुपमानि च 7. App. 8. 266 post. कर्माण्यपरिमेयानि 12. 326. 93. कर्माण्यपि च यान्यस्य 2. 35. 13*. कर्माण्यसुकराण्यन्यैः 2. App. 21.31 pr. 7. App. 8. 731 pr. . कर्माण्यस्य प्रभावं च 3. 127. 1. कर्माण्यस्य विशेषतः 2. 38. 4. -6680