________________ कचिज्ज्ञातीन्गुरुम्वृद्धान् ] महाभारतस्य [कञ्चित्त्वां नावजानन्ति कञ्चिज्ज्ञातीन्गुरून्वृद्धान् 2.5.61", 90deg... कच्चिज्ज्ञानानि ते राजन् 12. 50. 13". कच्चिज्ज्ञानानि सर्वाणि 7. 59. 1. 12. 45. 17%; 54. 16". 15. 35. 3deg. कञ्चित्कर्णो निहतो वा स्त्रया धिक 8.656*.4. कच्चित्कारणिकाः सर्वे 2. 5. 236. कञ्चित्काले विबुध्यसे 2.5. 18. कञ्चित्कुन्ती च राजेस्त्वां 15. 35. 6. कञ्चित्कुरूणां सौभ्रानं 3. 11. 10deg. कञ्चित्कुशलकामासि 14. 82.2". कञ्चित्कुशलिनो वीराः 3. 11. 9. कञ्चित्कुशलिनौ बाहू 8. 40. 124. कञ्चित्कृतं विजानीषे 2.5. 108*. कञ्चित्कृपश्च भोजश्च 10. 8. 1. कञ्चित्कृषिकरा राष्ट्रं 12. 90.23%. कञ्चित्कृष्णा द्रौपदी राजपुत्री 5. 23.5*. कञ्चित्कोशं च कोष्ठं च 2. 5. 570.. कञ्चित्क्रतूनेकचित्तः 2. 5. 89". कञ्चित्क्षत्तः कुशलेनागतोऽसि 2.52.5*. कञ्चित्क्षुद्रः शकुनि युधानि 3. 6.8. कच्चित्क्षेममिहाश्रमे 3. 138.44. कञ्चित्क्षेमं तवानघ 14.6. 12. कञ्चित्क्षेमं तु नृपतेः 7. 98. 2. कञ्चित्क्षेमं दिवौकसाम् 1.91. 10. 3. 10.8. कञ्चित्क्षेम नु पार्षत 8. 18. 52. कञ्चित्क्षेमं पुरे तव 3. 262. 3. कञ्चित्क्षेमं महाबाहो 7. 165. 92deg. कञ्चित्तत्र भविष्यति 3. 228.21. कञ्चित्तपो वर्धते तापसानां 3. 111.8". कञ्चित्तव गृहेऽन्नानि 2. 5. 88deg. कञ्चित्तवापि विदितं 3. 46. 3. कञ्चित्तात कुशल्यसि 15. 33. 1'. कच्चित्तातापविघ्नं ते 1. 172. 11". कञ्चित्ताभ्यां कृतं कर्म 10.8. 4. कञ्चित्ताश्च सुरक्षिताः 2.5.73. कञ्चित्तिष्ठन्ति शासने 5.81.624. कञ्चित्तीर्णप्रतिज्ञं हि 7. 103. 43.. कञ्चित्तु नापराधं ते 3.76. 11". कञ्चित्तु पार्थेन यवीयसाद्य 1. 184. 18. कञ्चित्तु मे यज्ञफलेन पुत्र 1. 1895*. 1. कञ्चित्ते कुरुनन्दन 5.8. 19. कञ्चित्ते कुशलं पुत्र 12. 338. 15. कञ्चित्ते कुशलं वित्र 15. 45.3.... कञ्चित्ते कृषितन्त्रेषु 2.5. 106". . कञ्चित्ते गाण्डिवं हस्ते 8. 40. 124". कञ्चित्ते गुरवः सर्वे 3. 156.7". . कञ्चित्ते दयिताः सर्वे 2..70*. 1 pr.. कञ्चित्ते दुर्बलः शत्रुः 2. 5. 84". कञ्चित्ते नानुतापोऽस्ति 15. 35. 100. कश्चित्ते निर्मलं मनः 15. 35.8. कञ्चित्ते परितुष्यन्ति 15. 33. 5. कञ्चित्तेऽपि निरातङ्काः 15.52*. 1 pr. कञ्चित्तेऽपि निरामयाः 15. 33. 2. कश्चित्ते पुरुषा राजन् 2.5. 104". कञ्चित्ते पृथुलश्रोणि 14. 82. 3*. कञ्चित्ते पृष्ठतः कृताः 2.77*. 1 post. कश्चित्ते मधुसूदन 7.59. 1'. कञ्चित्ते मत्रितो मन्त्रः 2. 5. 19. कश्चित्ते यास्यतः शत्रून् 2. 5.51". कञ्चित्ते वणिजो राष्ट्रे 12.90. 220. कञ्चित्ते वर्धते तपः 15.35.2. कञ्चित्ते वर्धते राजन् 15.33. 11". कञ्चित्तेषां च पुत्राणां 2.68*.6pr. कञ्चित्तेषां शरीराणि 11. 26.21. कञ्चित्ते सफलं धनम् 2. 5. 99. कञ्चित्ते सफलं श्रुतम् 2. 5. 996. कञ्चित्ते सफला दाराः 2.5.99. कञ्चित्ते सफला वेदाः 2. 5. 99*. कञ्चित्ते सर्वविद्यासु 2. 5. 86". कञ्चित्त्वमपि तत्सर्वम् 1. 5. 1". कञ्चित्त्वमप्यविघ्नेन 3. 204. 15. कञ्चित्त्वमसि मानुषी 3. 61. 1136. कञ्चित्त्वमेव सर्वस्याः 2. 5. 46. कञ्चित्त्वया तस्य सुमन्दबुद्धेः 8. 46. 42". कच्चित्त्वया निहतस्तात युद्धे 8. 46. 34. कञ्चित्त्वया निहतः संयुगेऽद्य 8. 46. 33. कञ्चित्त्वया निहतः सोऽद्य कर्णः 8. 46. 384. कञ्चित्त्वया प्रीयते चैव विप्र 3. 111. 8. कञ्चित्त्वया सोऽद्य समाश्रयोऽस्य 8. 46. 44. कञ्चित्त्वया सोऽद्य हतः समेत्य 8. 46.41d. कञ्चित्त्वं दृष्टवानसि 1. 36. 17".. कञ्चित्त्वं दृष्टवान्नुपम् 3. 61. 99*. कञ्चित्त्वं न तथा प्राज्ञ 12. 105. 32. कञ्चित्त्वं वर्जयस्येतान् 2.5. 98deg.. कञ्चित्त्वं शुभमिच्छसि 14, 82.20. कचित्त्वां नावजानन्ति 2. 5. 350 -606--