________________ कपत्रैः शिलाशितैः] लोकपादसूची [कविजीवसि शत्रुहन् कङ्कपत्रैः शिलाशितैः 4. 944*. 1 post. 6. 60.643 106. 366.8. 37.50; App. 12. 12 post. ; App. 18. ____49 post., 58 post... कङ्कबर्हिणवाजितः 7. 85. 21. कङ्कबहिणवाजितैः 6. 110. 4. 7. 88. 194. 8. 10. 184; 45. 36. 9. 11. 51"; 14. 40%; 27. 4. ककबर्हिणवाससः 4. 53. 39. 6.75. 29. 7. 107. 35. 8. 9. 18%; 17.78%; 40. 2843; 55. 490. कङ्कबर्हिणवासोमिः 7. 114. 93. कङ्कबल्लवगोपालाः 4. 30. 19. कङ्क मा मा ब्रवीक्यिं 4. 1086*. 3 pr. कङ्कश्च बहवो जनाः 4. App. 21. 10 post. कङ्कश्चापि पुनः पुनः 4. App. 21. 12 post. कङ्कस्तु वदते रुषा 4. 1100*. 13 post. कङ्कस्य पतति क्षितौ 4. 1091*. 3 post. कङ्कस्य रुधिरं मया 4. App. 58. 5 post. कत चाप्युपतिष्ठत 4. 64. 100. कङ्का गृध्रा बलाकाश्च 6. 108.8deg. कङ्का गृध्रा वडाश्चैव 8. 50. 45".. कङ्कालबहुले घोरे 12. 149.89. कङ्कालं चाप्यथो धृतम् 12. 446*. 5 post. कङ्कालं राजधर्मणः 12. 166. 11t. कङ्कालो राजधर्मणः 12. 446*. 8 post. कङ्काश्च सहिता बलैः 6. 2. 17. कङ्केति नाम्नास्मि विराट विश्रुतः 4. 6. 100. कङ्को दुलिदुहो द्रुमः 1. 1. 173. कङ्को नाम द्विजो भूत्वा 4. 1. 20deg. कङ्को नाम्ना परिव्राट् च 4.23*. 1 pr. कङ्को ब्रूते युधिष्ठिरः 4. 17. 224. कङ्को मद्गुश्च गृध्राश्च 12. 37. 18. कङ्को यथाहं विषये प्रभुस्तथा 4. 6. 134. कङ्को राजानमब्रवीत् 4. 559*. 1 pr. कङ्को हि नाम्ना विषयं तवागतः 4. 180*.91. कच इत्यमिविश्रुतः 1. 700*. 5 post. कचग्रहमनुप्राप्ता 3. 13. 108deg. कच त्वयि पुनः पुनः 1.72. 10. कचभस्म भृगूद्वहः 1. 705*. 1 post. कचमाङ्गिरसं तदा 1.75.3. कचमाहुर्मुदान्विताः 1. 72. 224. कचशापात्वया पूर्व 1.787*.2 pr. कच सुस्वागतं तेऽस्तु 1. 71. 19deg. कचस्तात न दृश्यते 1. 71. 28", 344. कचस्तात भविष्यति 1.71. 29. कचस्तु तं तथेत्युक्त्वा 1.71. 200. कचस्य चरतो व्रतम् 1.71. 25. कचस्य नाशस्तव चैवोपघातः 1. 71. 45. कचस्य नाशे मम नास्ति शर्म 1.71. 45. कचस्य मार्ग प्रतिपत्स्ये न भोक्ष्ये 1.71. 38. कचं सत्यं ब्रवीमि ते 1.71. 294. कचः प्रेतगतिं गतः 1.71. 35. कचाकचि बभौ युद्धं 8. 33. 60". कचादधीत्य तां विद्यां 1.73. 1. कचेनाभ्यागता वनात् 1.71. 274. कचोऽपि राजन्सुमहानुभावः 1. 711*. 1. कचोऽमिरूपो दक्षिणं ब्राह्मणस्य 1.71. 49. कचोऽरिष्टोऽथ विद्यया 1.71. 314. कचोऽहममिवादये 1.713*: 1 post. कच्चिच्च निहतामित्रः 12. 1. 12. कञ्चिच्च पुरुषर्षभाः 3. 11. 10. कच्चिच्च बलमुख्येभ्यः 2. 5. 49". कच्चिच्च मानुषे लोके 1. 324*. 3 pr. कञ्चिच्च यक्ष्ये परमप्रतीतः 1. 184. 17. कश्चिञ्च राजपुत्री ते 14. 82.4". / कच्चिच्च विषये विप्राः 15. 33.76. कञ्चिच्च वो मूलफलं प्रभूतम् 3. 111.7'. कच्चिच्चापररात्रेषु 2. 5. 18. कञ्चिच्चाराग्निशि श्रुत्वा 2. 5.74". कच्चिच्चास्मान्धीयते धूमकेतो 14. 9. 13. कश्चिञ्चोपस्थिता तव 12. 64. 154. कञ्चिच्छारीरमाबा, 2. 5. 79. कञ्चिच्छुचिकृतः प्राज्ञाः 2. 5. 70%. कच्चिच्छुद्धस्वभावेन 12. 105. 29deg. कच्चिच्छृणोषि वृद्धानां 2. 5. 105". कच्चिच्छेते भूमितले दुरात्मा 8. 46. 32. कञ्चिच्छेते शरसंभिन्नगात्रः 8. 46. 40. कञ्चिच्छोको न मन्युर्वा 2.73*. 1 pr. कञ्चिच्छौरे त्वया गत्वा 14. 52. 10. कच्चिच्छ्रियमिमां प्राप्य 12. 1. 12. कच्चिच्छ्रीमान्देवराजः सुखी च 14. 9. 13". कच्चिच्छुतो वा दृष्टो वा 1. App. 114. 135 pr. कश्चिच्छ्रोताहो बधिरोऽसि पार्थ 8. 833*.b. कञ्चिच्छ्रोत्रमुपागतः 7. App. 8. 831A 1 posts कञ्चिजितेन्द्रियो राजा 12. 83. 51". कञ्चिज्जीवति शत्रुहा 3. 22. 18. कञ्चिज्जीवति सैन्धवः 7. 98.2". कञ्चिज्जीवसि शत्रुहन् 7. 18. 4. -605