________________ अमेमामाशयः स्मृतः] महाभारतस्थ [ऊवं सत्त्वविशालोई ऊर्ध्वमामाशयः स्मृतः 13. App. 15. 4279 post. ऊर्ध्वमावाहयत्प्रभुः 1. 1368*.3 post. ऊर्ध्वमिच्छन्ति ये गतिम् 14. App. 4. 2725 post. ऊर्ध्वमुखो निरालम्बः 12. App. 29E. 37 pr. ऊर्ध्वमुत्क्रम्य वेगेन 9.356*. 12 pr. ऊर्ध्वमुत्क्षिप्य कवचं 4.35. 18%. ऊर्ध्वमुत्पत्य वेगेन 1. 217. 12. ऊर्ध्वमुत्पत्य हैडिम्बः 7. 153. 18deg. उर्ध्वमुत्लुत्य मार्जारः 4. 606*. 1 pr. उर्ध्वमुतझुण्डाग्रान् 4. App. 45. 31A 4 pr. अवमूलमधःशाख 6. 37. 1 . ऊर्ध्वमेकस्तथाधस्तात् 12. App. 20. 91 pr. ऊर्ध्वमेकोनविंशत्याः 12. 308. 109". ऊर्ध्वमेव न तिर्यक्च 13. App. 11. 238 pr. ऊर्ध्वमेवाभ्यवेक्षन्त 8. 2. 3. ऊर्ध्वरश्मिरिवादित्यः 7. 102. 78. ऊर्ध्वरश्मिर्यथा रविः 8. 12. 50". ऊर्ध्वरेखतलौ पादौ 5. 58. 9". ऊर्ध्वरेतसमात्मानं 6. 115. 13. ऊर्ध्वरेता ऊर्ध्वलिङ्गः 13. 17. 450. ऊर्ध्वरेता जलेशयः 13. 17. 960. ऊर्ध्वरेता भविष्यामि 1. 988*.5 pr. ऊर्ध्वरेता महानृषिः 1. 13. 10. ऊर्ध्वरेता महाभागः 1. 65. 16". ऊर्ध्वरेता महायशाः 11. 23. 20. ऊर्ध्वरेता यथासि त्वं 1. 596*. 1 pr. ऊर्ध्वरेता वृषामित्रः 3. 27. 24. फार्मरेतास्त्वहमिति 1. App. 55. 42 pr. ऊर्ध्वरेतास्त्वहं भद्रे 1. App. 55. 34 pr. ऊर्ध्वरेता राजा च 5. 145. 31. ऊर्ध्वरेता राहमिति 1. App. 55. 31 pr. ऊर्ध्वरेताः प्रजायित्वा 12. 61.5. ऊर्ध्वरेताः शरीरं वै 1. 42. 4. ऊर्ध्वरेताः समभवत् 13. 83. 47. ऊर्ध्वरेताः समाहितः 14. 46.8. ऊर्ध्वरोमा हरिश्मश्रुः 7. 150. 4. ऊर्ध्वलिङ्गस्ततश्चोक्तः 7. 1469*. 1 pr. ऊर्ध्वलोकाश्च सर्वेऽपि 5. 494*. 4 pr. ऊर्ध्ववक्त्रान्महाकायान् 1. 1511*. 3 pr. ऊयवेणीधरा चैव 9. 45. 18%. ऊर्ध्ववेणीधराश्चैव 9. 45. 33%. ऊर्ध्वशायी नभस्तलः 13. 17. 45*. ऊर्ध्वशुष्क विशां पते 4. 466*. 4 post. ऊर्ध्वशून्यमधःशून्यं 6. App. 3.74 pr. ऊर्ध्वसस्याभवद्भूमिः 1. 102. 2". ऊर्ध्वसंहननो वहः 13. 17. 1279. ऊर्ध्वस्य चैव वागिन्द्रः 1. App. 6. 18 pr. ऊर्ध्वस्रोतस इत्येते 14.38. 13*. ऊर्ध्वस्रोतस्तथा तिर्यक् 12. 298. 23". ऊर्ध्वस्रोतस्तथैव च 12. App. 29C. 121 post. 13. App. 3. __308 post. ऊर्ध्वस्रोतस्तु वै सर्ग 12. App. 290. 112 pr. 13. App. 3. 298 pr. ऊर्ध्वस्रोतोगतं भवेत् 14. 39. 8. ऊर्ध्वं क्षिपन्वीर वरोऽभ्यहारयत् 4.638*.7. ऊर्ध्वं खमिव मेनिरे 12. App. 28. 169 post. ऊर्ध्व गच्छति सा तत्र 13. App. 15. 4666 pr. ऊर्ध्वं गच्छन्ति सत्त्वस्थाः 6. 36. 18%. 13. App. 15. 4141 pr. 14. 39. 10". ऊर्ध्वं गच्छन्व्याप्य लोकान्स्वलक्ष्या 16. 29*.2. ऊर्ध्व गतेरधस्तात्तु 12. 175. 24". ऊच चाधश्च गच्छन्ति 1. 223. 89. उर्वं चावाक्च तिर्यक्च 12. App. 29B. 193 pr. 14.27.17. ऊर्ध्वं चित्राभिसंकाशे 13. 110. 127deg. ऊर्ध्वं चैव यी विद्या 12. 90.70. अवं तिर्यगधश्चैव 2. 358*. 5 pr. ऊर्ध्वं तु जन्तवो गत्वा 14. 17. 35". ऊर्ध्वं तु तिर्यग्योजनमानरूपः 5. 140. 5. ऊर्ध्व तु षोडशाद्वर्षात् 3. 219. 45*. ऊवं त्रिभ्योऽथ वर्षेभ्यः 12. 159. 51. ऊवं दृष्टिर्बाहवश्च 12. 327. 41". ऊर्ध्व देहविमोक्षान्ते 12. 110. 25deg. उर्व देहात्कर्मणो जम्भमाणात् 1. 85.7". ऊर्ध्वं देहाद्वदन्त्येके 14. 48. 15. ऊर्ध्व देहान्मोदते देवलोके 12. 26. 33. ऊध्वं नाधो न तिर्यक्च 13. App. 10. 420 pr. ऊवं पादतलाभ्यां यत् 12. 187. 136. अवं पुच्छान्विधुन्वानाः 4. 48. 23. ऊर्ध्व प्रकाशस्य सुतः 1. App. 6. 16 pr. उध्वं प्राणा बुत्क्रामन्ति 5.38. 1 . 13. 107. 32". ऊर्ध्व भवति संदेहात् 12. 37. 12. ऊर्ध्व ममापि लोकस्य 13. App. 9. 38 pr. ऊर्ध्व यज्ञः पशुमिः सार्धमेति 12. 261. 17. ऊवं ययौ दीप्यमाना निशायां 7. 154. 57. ऊच रसानां ददते प्रजाभ्यः 14.27. 18. ऊवं सत्त्वविशालोऽहं 14. App. 4. 105 pr. -498